26 जून 2023 को परिवहन विभाग के सचिव द्वारा जारी किए गए कर्मचारी विरोधी फरमानों के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी सामूहिक रूप से भूख हड़ताल पर उतरने जा रहे हैं। यह निर्णय सांझा मोर्चे की हालिया बैठक में लिया गया जिसमें विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस आंदोलन की मुख्य वजह विभाग द्वारा लागू की गई नई नीतियां हैं जिन्हें कर्मचारी अन्यायपूर्ण मान रहे हैं।
मांगों की अनदेखी का मुद्दा
राज्य प्रेस सचिव व सिरसा डिपो के प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने मीडिया को बताया कि परिवहन विभाग ने पहले 23 जून 2023 को कर्मचारियों की कई मांगों पर सहमति जताई थी और परिपत्र जारी करने का आश्वासन दिया था। हालांकि अभी तक इन मांगों को लागू नहीं किया गया है जिससे कर्मचारी वर्ग में भारी निराशा है।
कर्मचारियों पर अत्यधिक बोझ
यह भी बताया गया कि चालक-परिचालक और लिपिक कर्मचारियों से अनेक तरह के कार्य लिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें उचित पे ग्रेड प्रदान नहीं किया जा रहा है जिससे उनके आर्थिक हितों को नुकसान पहुंच रहा है। इसके अलावा, चालकों और परिचालकों का ओवरटाइम भी सीमित कर दिया गया है जबकि उनसे 14-15 घंटे तक कार्य लिया जा रहा है।
भविष्य की रणनीति और आह्वान
चाहर ने आगे जोर देकर कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही मांगों को नहीं माना तो कर्मचारी अपने प्रदर्शन को और व्यापक रूप देने को तैयार हैं। उन्होंने अन्य डिपो के कर्मचारियों से भी आह्वान किया कि वे इस भूख हड़ताल में शामिल हों और अपनी एकता का प्रदर्शन करें। यह न केवल उनकी निजी बल्कि सामूहिक भलाई के लिए भी आवश्यक कदम है।