Haryana News : झज्जर में वायु प्रदूषण ने खतरे की घंटी बजा दी है, और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) की पाबंदियों के बावजूद, नागरिकों द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। कूड़ा जलाना और निर्माण कार्य जारी रहना शहर में प्रदूषण बढ़ा रहे हैं, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार चला गया है। आइए जानते हैं इस स्थिति की पूरी जानकारी और इससे बचने के उपाय।
झज्जर में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर और GRAP-4 पाबंदियां
सोमवार को झज्जर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से ऊपर दर्ज किया गया, जो कि GRAP-4 की पाबंदियों को लागू करने का कारण बना। इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। हालांकि, GRAP-4 पाबंदियों के बावजूद, शहर में कई स्थानों पर कूड़ा जलाने और भवन निर्माण कार्य जारी है, जो प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा रहे हैं।
शहर के प्रमुख इलाकों जैसे रेवाड़ी रोड, पुराना तहसील रोड, बहादुरगढ़ रोड, और कोसली रोड पर कूड़ा जलाने की घटनाएं सामने आईं। यह वायु प्रदूषण को बढ़ाने का एक बड़ा कारण बन रहा है। यादव धर्मशाला के नजदीक, गुरुग्राम रोड, और बहादुरगढ़ रोड पर भवन निर्माण का काम जारी है, जो प्रदूषण में और वृद्धि कर रहा है।
आंखों में जलन और सांस की समस्याएं
सोमवार को AQI के 450 के पार जाने से लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतें महसूस हो रही हैं। सिविल अस्पताल में लगभग 70 मरीज ओपीडी में आए जिन्होंने आंखों में जलन की शिकायत की थी। चिकित्सकों का कहना है कि अस्थमा और अन्य सांस संबंधी समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई
झज्जर के नागरिकों को प्रदूषण फैलाने वालों की शिकायत 311 एप और समीर एप पर करने की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही, नागरिकों से अपील की गई है कि वे वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से जांच करवाएं और टायरों में हवा भरकर चलें।