Wheat Price Hike: हाल ही में गेहूं के दामों में लगातार तेजी देखने को मिली है. इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि मौसमी बदलाव उत्पादन में कमी या अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उछाल. इस बढ़ोतरी का असर सीधे तौर पर आम जनता पर पड़ रहा है खासकर उन पर जो रोजमर्रा में आटा का उपयोग करते हैं.
MSP से ऊपर बिक रहा गेहूं
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर बिक रहे गेहूं के भावों ने किसानों के लिए तो फायदेमंद स्थिति बनाई है लेकिन इससे आम उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ रहा है. विशेषकर गेहूं की नई फसल आने तक यह स्थिति बनी रह सकती है जिससे कीमतों में कमी आने की संभावना कम है.
आने वाले समय में गेहूं की कीमत
सरकार द्वारा MSP में बढ़ोतरी की घोषणा के बावजूद मार्केट विश्लेषकों का मानना है कि गेहूं के दाम में तेजी जारी रह सकती है. यह बढोतरी विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अधिक प्रभावित कर सकती है जहां गेहूं की आपूर्ति में कमी है या जहां आयात पर निर्भरता अधिक है.
आटे की कीमतों पर असर
गेहूं की कीमतों की बढ़ोतरी से सीधे तौर पर आटे के दामों में भी बढ़ोतरी हो रही है. इस बढ़ोतरी से न केवल घरेलू उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं बल्कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी प्रभावित हो रहा है. आटे की बढ़ती कीमतों से संबंधित उद्योगों में उत्पादन लागत में इजाफा हो रहा है जिससे अंतिम उत्पादों के मूल्य में भी बढ़ोतरी हो रही है.