भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में नई क्रांति के रूप में एक्सप्रेसवे की निर्माण परियोजनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें सबसे चर्चित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे है, जिसे अपनी खूबसूरती और उपयोगिता के लिए सराहा जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करता है बल्कि यह प्राकृतिक सुंदरता के बीच से गुजरता है जो यात्रियों को एक अनोखा अनुभव देता है।
जंगलों के बीच से एक मनोरम यात्रा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की योजना और डिज़ाइन इसे प्रकृति के साथ सहजीवन में रखते हुए की गई है। यह एक्सप्रेसवे घने जंगलों के मध्य से होकर गुजरता है जिससे यात्रा के दौरान लोगों को न केवल सुगमता मिलती है बल्कि वे प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद ले सकते हैं।
वाइल्डलाइफ कॉरिडोर
इस एक्सप्रेसवे का एक महत्वपूर्ण और नई विशेषता वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर है जो 12 किलोमीटर लंबा है और राजाजी नेशनल पार्क के करीब से गुजरता है। इस कॉरिडोर का उद्देश्य जंगली जानवरों के लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करना है ताकि वे एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रभावित रह सकें और उनकी आवाजाही प्राकृतिक रूप से जारी रहे।
आधुनिकता के संगम में प्रकृति की गोद में यात्रा
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में कुल 571 पिलर का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे मजबूती और लंबे समय तक स्थायित्व मिलता हैं। यह न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे आधुनिक विकास और पर्यावरण संरक्षण हाथ में हाथ डाले आगे बढ़ सकते हैं।
दिल्ली से देहरादून
अंत में इस एक्सप्रेसवे के पूर्ण होने पर दिल्ली से देहरादून तक का सफर महज ढाई घंटे का रह जाएगा। यह यात्रा के समय में काफी कमी लाएगा और यात्रियों को अधिक समय प्रकृति के साथ बिताने का मौका देगा। इस तरह के एक्सप्रेसवे परियोजनाएं न केवल परिवहन की सुविधा बढ़ाती हैं बल्कि ये आसपास के क्षेत्रों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं जिससे स्थानीय निवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।