Old Indian Railway: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है जिसमें प्रतिदिन हजारों ट्रेनें विभिन्न जगहों के बीच यात्रा करती हैं. इनमें 22,000 से ज्यादा यात्री और मालगाड़ियां शामिल हैं, जिनमें से 9,000 से ज्यादा मालगाड़ियां हैं.
भारतीय रेल की पहली मालगाड़ी
22 दिसंबर 1851 को भारत में पहली बार मालगाड़ी की शुरुआत हुई थी. यह ट्रेन उत्तराखंड के रुड़की से पिरान कलियर तक चली थी. इस मालगाड़ी का मुख्य कार्य मिट्टी और निर्माण सामग्री (Construction Materials) को ढोना था, जो गंगा नहर निर्माण परियोजना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था.
पहली मालगाड़ी का इंजन
इस ऐतिहासिक मालगाड़ी के इंजन को इंग्लैंड से मंगाया गया था, जो कि भाप से चलने वाला था. इस ट्रेन में केवल दो बोगियां थीं जिनकी क्षमता लगभग 180-200 टन वजन ले जाने की थी. यह ट्रेन प्रति घंटा 6.44 किलोमीटर की गति से चलती थी और अपनी यात्रा को 38 मिनट में पूरा करती थी.
दुर्घटना और मालगाड़ी का अंत
1852 में, इस मालगाड़ी के संचालन का अंत एक दुर्घटना के साथ हुआ, जिसमें इसके इंजन में आग लग गई. यह दुर्घटना मालगाड़ी के लिए एक त्रासदी थी और इसके बाद इसका संचालन बंद कर दिया गया.