भारतीय कृषि जगत में पशुपालन का अहम स्थान है। ज्यादातर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं। इससे न केवल उनकी आय में बढ़ोतरी होती है बल्कि उनकी आजीविका को भी एक स्थिरता मिलती है। खेती बाड़ी के साथ पशुपालन करने वाले लगभग 70% किसानों का कहना है कि इससे उन्हें दोगुना लाभ होता है।
वैश्विक पटल पर भारत का हाल
दुनिया भर में भारत पशुपालन में अग्रणी देश है। भारतीय पशुधन की संख्या और दूध उत्पादन की मात्रा इसका प्रमाण है। पशुजनगणना के अनुसार भारत में 19.80 करोड़ गायें, 11 करोड़ भैंसें, 14.50 करोड़ बकरियाँ, 7.50 करोड़ भेड़ें, 1.30 करोड़ सूअर और 69 करोड़ मुर्गियाँ हैं। ये आँकड़े भारत की पशुपालन क्षमता के बारे में बताते हैं।
दूध उत्पादन में भारत का स्थान
भारतीय पशुपालन क्षेत्र दूध उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है। देश में प्रति वर्ष लगभग 120 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है जिससे न केवल घरेलू जरूरतें पूरी होती हैं बल्कि एक बड़ी मात्रा में दूध का निर्यात भी होता है। इस विशाल उत्पादन में किसानों की मेहनत और प्रयास साफ दिखाई देता हैं।