Rbi Stopped 5 Rupee: इस गड़बड़ी के चलते बंद करने पड़े थे 5 रूपए के सिक्के, इन कामों में होता था गलत इस्तेमाल

By Vikash Beniwal

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Rbi Stopped 5 Rupee: देश में नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक के पास होता है. यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है. पहले RBI केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजता है और फिर केंद्र सरकार अर्थशास्त्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर अंतिम निर्णय लेती है. यही प्रक्रिया सिक्के और नोट बंद करने के लिए भी अपनाई जाती है.

5 रुपये के पुराने सिक्कों का चलन क्यों बंद हुआ?

हाल ही में यह देखने को मिला कि 5 रुपये के पुराने सिक्के (discontinuation of old 5 rupee coins) धीरे-धीरे बाजार से गायब हो रहे हैं. इनकी जगह अब नए पतले और सुनहरे सिक्कों ने ले ली है. पुराने सिक्कों की मेटल वैल्यू उनकी सतह पर अंकित वैल्यू से अधिक थी, जिसके कारण इनका दुरुपयोग बढ़ गया.

मेटल वैल्यू और सरफेस वैल्यू का अंतर

हर सिक्के की दो तरह की वैल्यू होती है:

  1. सरफेस वैल्यू (surface value of coins): जो सिक्के पर अंकित होती है.
  2. मेटल वैल्यू (metal value of coins): जिस धातु से सिक्का बना होता है, उसे पिघलाने पर प्राप्त होने वाली कीमत.

पुराने 5 रुपये के सिक्कों की मेटल वैल्यू उनकी सरफेस वैल्यू (coin’s metal value higher than face value) से अधिक हो गई थी.

अवैध उपयोग

इन पुराने सिक्कों को पिघलाकर ब्लेड बनाने का अवैध कारोबार (illegal use of old 5 rupee coins for blades) शुरू हो गया. इस धातु से बनी ब्लेड को बांग्लादेश जैसे देशों में भेजा जा रहा था.

  • एक सिक्के से 6 ब्लेड बनाई जाती थीं.
  • हर ब्लेड 2 रुपये में बेची जाती थी.
  • 5 रुपये के सिक्के से कुल 12 रुपये का मुनाफा (profit from melting old coins) कमाया जा रहा था.

आरबीआई का बड़ा कदम

सरकार और RBI ने इस मामले को गंभीरता से लिया. जांच के बाद, रिजर्व बैंक (RBI changed metal composition of coins) ने पुराने 5 रुपये के सिक्के की धातु और मोटाई में बदलाव किया. इससे पुराने सिक्कों का अवैध उपयोग रोकने में मदद मिली.

नए सिक्कों की पहचान और खासियत

बाजार में अब जो नए 5 रुपये के सिक्के (features of new 5 rupee coins) चलन में हैं, वे पुराने सिक्कों की तुलना में पतले और हल्के हैं.

  • रंग: सुनहरा.
  • मोटाई: पहले से कम.
  • धातु: नई संरचना, जिससे मेटल वैल्यू सरफेस वैल्यू से अधिक न हो.

पुरानी घटनाओं की याद

यह पहली बार नहीं है जब भारत में नोटों या सिक्कों को बंद (ban on currency notes and coins in India) किया गया है. 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे. हाल ही में 2000 रुपये के नोट भी बंद कर दिए गए.

क्यों जरूरी था यह बदलाव?

पुराने सिक्कों के कारण बढ़ रही समस्याओं को देखते हुए यह कदम (importance of discontinuing old coins) उठाना अनिवार्य था.

  1. आर्थिक नुकसान: मेटल वैल्यू अधिक होने से सरकारी धन का दुरुपयोग.
  2. अवैध कारोबार: सिक्कों को पिघलाकर अन्य उत्पाद बनाना.
  3. सुरक्षा: अवैध गतिविधियों पर रोक.

नई व्यवस्था का असर

RBI के इस फैसले से बाजार में पुराने सिक्कों का दुरुपयोग (impact of banning old coins) समाप्त हुआ है. नए सिक्कों ने न केवल पारदर्शिता बढ़ाई है, बल्कि सरकार के वित्तीय नुकसान को भी रोका है.

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.