Kisan: बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पटना में बामेती में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान ड्रोन दीदी योजना का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत, बिहार के 16 जिलों से आई 201 महिला स्वयं सहायता समूहों को एक साथ संबोधित करते हुए, पांडेय ने महिलाओं को कृषि क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त बनाने के महत्व को बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है।
80% सब्सिडी से मिलेगा ड्रोन
इस योजना के तहत, किसानों और कृषि कार्यों से जुड़ी महिलाओं को ड्रोन के साथ पूरी किट पर 80% सब्सिडी दी जाएगी। सरकार की ओर से यह सब्सिडी 8 लाख रुपये तक की जाएगी। बाकी 2 लाख रुपये जीविका समूहों के माध्यम से दिए जाएंगे। यह योजना खास तौर पर बिहार के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती है, जहां महिला शक्ति को कृषि में नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
कृषि में तकनीकी बदलाव और पूंजी की बचत
बिहार में, पारंपरिक छिड़काव यंत्र जैसे नैपसेक और हैंड रॉकिंग स्प्रेयर का उपयोग किया जाता है। लेकिन, ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक छिड़काव के साथ समय और पूंजी की बचत हो रही है। इसके अलावा, ड्रोन के प्रयोग से कीटनाशक की कम मात्रा का उपयोग संभव हो रहा है, जो किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि के लिए सहायक है।
ड्रोन पायलट प्रशिक्षण
ड्रोन दीदी योजना के तहत, पटना में 15 दिवसीय फ्री ड्रोन पायलट प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार के उन महिलाओं और पुरुषों के लिए है जो इस नई तकनीक का उपयोग करके कृषि में सुधार लाना चाहते हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाएं खुद ड्रोन उड़ाने की क्षमता प्राप्त कर सकेंगी, जो उन्हें न केवल कृषि कार्यों में मदद करेगा, बल्कि उन्हें एक नई तकनीकी पहचान भी देगा।
101 अनुमंडलों में ड्रोन की उपलब्धता
कृषि विभाग ने बिहार के सभी 101 अनुमंडलों में ड्रोन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत, कृषि विभाग के पौधा संरक्षण संभाग द्वारा किसानों को ड्रोन का लाभ सब्सिडी दर पर दिया जाएगा। इस योजना के तहत किसान कृषि ड्रोन के माध्यम से पेस्टीसाइड्स और लिक्विड फर्टिलाइज़र का छिड़काव कर सकेंगे, जिससे उनकी खेती अधिक प्रभावी और लाभकारी हो सकती है।
योजना में आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान, कृषि यंत्र बैंक, स्वयं सहायता समूह, और कृषि क्लिनिक संस्थापक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया कृषि यांत्रिकरण योजना की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जहां लॉटरी प्रणाली के जरिए लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। सरकार ड्रोन खरीदने पर 60% यानी अधिकतम 3.65 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगी।
भविष्य में 14,500 समूहों को जोड़ा जाएगा
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने यह भी बताया कि, 2024-25 और 2025-26 के वित्तीय वर्षों में सरकार का लक्ष्य 14,500 समूहों को इस योजना से जोड़ने का है। इसके जरिए विकसित भारत और विकसित बिहार का निर्माण किया जाएगा, जो किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक होगा।