HKRN: हरियाणा सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि HKRN से जुड़े सभी कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं जारी रहेंगी। यानी न तो उन्हें निकाला जाएगा और न ही उनके रोजगार पर कोई प्रतिकूल असर पड़ेगा। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, जो लंबे समय से नौकरी की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
- HKRN को भंग नहीं किया जाएगा
हाल ही में कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह अफवाहें फैल रही थीं कि HKRN को बंद किया जा सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इन खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार HKRN के संचालन में सुधार करते हुए नए रोजगार अवसर पैदा करने की दिशा में काम करेगी।
- एसएसटी अध्यापकों की नियुक्ति पर विशेष ध्यान
मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर यह स्पष्ट किया है कि एसएसटी अध्यापकों की नियुक्ति तब तक जारी रहेगी, जब तक कि नियमित टीजीटी अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो जाती। इसका मतलब है कि किसी भी कच्चे एसएसटी अध्यापक को निकाला नहीं जाएगा, जब तक उसकी जगह एक स्थायी टीजीटी नियुक्त नहीं हो जाता।
- HKRN के माध्यम से रोजगार के अवसर
राज्य सरकार ने HKRN के माध्यम से नए रोजगार अवसर बढ़ाने की योजना बनाई है। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि HKRN के तहत नियुक्त कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह समान अधिकार और सुरक्षा मिलेगी। इसके साथ ही, HKRN को पूरी तरह से भंग करने की कोई योजना नहीं है।
राज्य सरकार के निर्णय के प्रभाव
इस निर्णय से कच्चे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अब उनके रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित हो गई है। सरकार के इस कदम से कर्मचारियों के बीच विश्वास का माहौल बनेगा, जिससे वे अपनी कार्य क्षमता को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर सकेंगे।
राज्य सरकार का फोकस
हरियाणा सरकार का फोकस कच्चे कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर रहेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को किसी प्रकार की असुरक्षा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, सरकार ने HKRN के संचालन में सुधार करने की दिशा में कदम उठाए हैं, ताकि यह संस्था और बेहतर तरीके से काम कर सके।
इस कदम से न केवल कर्मचारियों को मानसिक शांति मिलेगी, बल्कि राज्य सरकार की नौकरी गारंटी की नीति को भी मजबूती मिलेगी।