Kisan News: 2025 के बजट से पहले, शनिवार को किसान प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक में किसानों ने सरकार से कई प्रमुख राहतों और योजनाओं को लागू करने की मांग की। खासतौर पर, सस्ता लॉन्ग टर्म लोन, कम टैक्स, और पीएम-किसान सम्मान निधि में वृद्धि को लेकर किसानों ने अपनी उम्मीदें जताई।
किसान प्रतिनिधियों ने कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए वित्त मंत्री से कई प्रस्ताव दिए। ये मांगें मुख्य रूप से वित्तीय राहत, बाजार सुधार और रणनीतिक निवेश पर केंद्रित थीं। आ
किसानों ने सरकार से लोन पर ब्याज दर कम करने की मांग की है। उनका कहना है कि सस्ता लोन किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा। किसानों ने पीएम-किसान सम्मान निधि की राशि को बढ़ाकर 6,000 रुपये से 12,000 रुपये करने की अपील की है। यह कदम किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजयवीर जाखड़ ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसान कल्याण के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता पर बल दिया। छोटे किसानों के लिए शून्य प्रीमियम वाले फसल बीमा की मांग की गई है। इससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से राहत मिल सकती है।
किसान संगठनों ने कृषि मशीनरी, उर्वरक, बीज और दवाओं पर जीएसटी में छूट की मांग की है। इससे कृषि लागत कम हो सकती है और किसानों को राहत मिल सकती है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कीटनाशक दवाओं पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% करने की मांग की है। इसका उद्देश्य कृषि लागत को घटाना और किसानों के लिए उत्पादन की लागत कम करना है।
किसानों ने फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की समीक्षा करने की मांग की है। साथ ही, भूमि किराया, कृषि मजदूरी और कटाई के बाद के खर्च को भी इस प्रणाली में शामिल करने की अपील की गई है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष धर्मेंद्र मलिक ने यह सुझाव दिया कि कृषि मशीनरी की कीमतों को कंपनी वेबसाइटों पर प्रदर्शित किया जाए और मंडी के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाए।
अजयवीर जाखड़ ने 8 साल के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये के निवेश रणनीति का प्रस्ताव दिया है। इसमें सोयाबीन और सरसों जैसी फसलों पर केंद्रित निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। इस कदम से राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है और किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकता है।