इस वर्ष मौसम विभाग की ओर से मॉनसून के बेहतर रहने के संकेतों के साथ 30 मई को केरल में मॉनसून ने दस्तक दी है। यह खबर किसानों के लिए विशेष रूप से खुशी का सबक बनी है क्योंकि इससे उन्हें खरीफ की फसलों विशेषकर धान की बुवाई के लिए सही समय मिल सकता है।
धान की बुवाई की तैयारी
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के कृषि विज्ञान केंद्र ने खरीफ सीजन के दौरान धान की बुवाई के लिए विशेष विधियों का सुझाव दिया है। केंद्र ने किसानों को बीज उपचार खेत की तैयारी, सिंचाई, और उर्वरक का उचित इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
धान की अच्छी उपज के लिए सलाह
धान की उपज में बढ़ोतरी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने खेत की गहरी जुताई और समतल बनाने पर जोर दिया है। इसके अलावा, बीज की सही मात्रा और बीज उपचार की विधि का पालन करने की सलाह दी गई है ताकि धान के पौधे स्वस्थ और मजबूत उग सकें।
उर्वरक और सिंचाई का महत्व
कृषि विज्ञान केंद्र ने उर्वरक के सही इस्तेमाल और सिंचाई के उचित रख रखाव पर ध्यान दिया है। धान की खेती के लिए पानी की उपलब्धता और उसका सही समय पर इस्तेमाल किसानों को अधिक उपज दे सकता है।
खरपतवार प्रबंधन की तकनीकें
खरपतवार नियंत्रण के लिए यांत्रिक और रासायनिक दोनों तरीके सुझाए गए हैं। यह धान की फसल के स्वास्थ्य और उपज को बढ़ाने में मदद कर सकता है।