हरियाणा के खाद्य औषधि विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी से कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। विभाग में लगभग 56% पद खाली हैं। मंगलवार, 20 नवंबर को मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के 22 जिलों में से केवल सात जिलों में ही जिला खाद्य अधिकारी मौजूद हैं। शेष जिलों में अधिकारियों का काम कई जिलों में फैला हुआ है।
कैग रिपोर्ट ने खोले विभाग की पोल
हाल ही में हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश की गई कैग रिपोर्ट ने विभाग की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में कुल 583 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 326 पद रिक्त पड़े हैं। विभाग के ड्रग कंट्रोलर और खाद्य सुरक्षा अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर स्थिति और भी खराब है। यहां 80% से ज्यादा पद खाली हैं, जिससे कार्य कुशलता पर गहरा असर पड़ा है।
सैंपल जांच में हो रही देरी
राज्य में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सैंपल लैब में भेजे जाते हैं। लेकिन विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते इन सैंपल की जांच में देरी हो रही है। कई जिलों से आने वाले सैंपल महीनों तक जांच के लिए लैब में ही पड़े रहते हैं। इससे खाद्य पदार्थों की क्वालिटी पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है।
जनवरी 2024 में हुई थी नियुक्ति
विभाग ने जनवरी 2024 में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए 175 पदों पर अनुबंध के आधार पर भर्तियां की थीं। लेकिन ये भर्तियां मुख्यतः क्लर्क और मल्टी-टास्किंग स्टाफ के पदों के लिए की गई थीं। रीडर जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए स्वीकृत 23 पद अभी भी खाली हैं।
पुरानी नियुक्तियां अटकीं
कैग की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि विभाग ने दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच 26 अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को 2020 में ही अंतिम रूप दे दिया था। लेकिन इन नियुक्तियों को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है।
खाद्य सुरक्षा पर बढ़ा खतरा
खाद्य पदार्थों की जांच में देरी और कर्मचारियों की भारी कमी के कारण राज्य में खाद्य सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। लोगों को मिलावटी और खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों के सेवन का जोखिम उठाना पड़ रहा है।
सरकारी तर्क और योजना
विभाग ने अपनी सफाई में कहा है कि नई भर्तियों के लिए प्रक्रिया चल रही है। सरकार ने खाली पदों को जल्द भरने का भरोसा भी दिया है। हालांकि, विभाग की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि प्रभावी बदलाव के लिए अभी और समय लग सकता है।
समाधान के लिए उठे सवाल
जानकारों का कहना है कि विभाग की समस्याओं को जल्द हल करने की जरूरत है। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक उपकरणों और तकनीकी संसाधनों का उपयोग करके भी कामकाज में सुधार लाया जा सकता है।