हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने सरकारी कामकाज में सुधार और पारिश्रमिक को लेकर तीन अहम फैसले लिए हैं। ये फैसले विकास एवं पंचायत विभाग, वन विभाग, और तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। इनसे सरकारी प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आने की उम्मीद है।
पंचायतों का पूरा हिसाब अब वेबसाइट पर
हरियाणा की विकास एवं पंचायत विभाग के कार्यों को अब और पारदर्शी बनाने की कवायद शुरू हो गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य की ग्राम पंचायतों को मिलने वाले अनुदान और उनके खर्च का पूरा ब्योरा सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाए।
न्यायमूर्ति महाबीर सिंह सिंधु ने ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के निदेशक को निर्देश दिए हैं कि 9 जुलाई 2007 और 4 जून 2008 की अधिसूचनाओं को हिंदी में वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। इन अधिसूचनाओं में पंचायतों को दिए गए अनुदान का खुलासा करना अनिवार्य है। कोर्ट का कहना है कि इससे गांवों के विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी।
वन विभाग: लंबित फाइलों का निपटारा 15 दिन में
हरियाणा के वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने विभाग में लंबित फाइलों पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सभी जिला वन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 15 दिन के भीतर लंबित फाइलों का निपटारा करें।
मंत्री ने साफ कहा है कि किसी भी कार्यालय में निरीक्षण के दौरान अगर लंबित फाइलें पाई गईं, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सरकारी कामकाज की रफ्तार को तेज करने के लिए उठाया गया है।
परीक्षा ड्यूटी पर स्टाफ का पारिश्रमिक बढ़ा
हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा विभाग ने परीक्षा ड्यूटी पर लगे स्टाफ के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। परीक्षा अधीक्षक को अब 250 रुपये की जगह 400 रुपये, उप-अधीक्षक को 200 की जगह 300 रुपये मिलेंगे। फ्लाइंग स्क्वॉड का पारिश्रमिक 750 से बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया गया है।
उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने वाले शिक्षक अब 12 रुपये की बजाय 20 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका का पारिश्रमिक प्राप्त करेंगे। तकनीकी शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. डी. सुरेश ने कहा कि यह बदलाव 12 साल के बाद किया गया है।
उन्होंने सभी राजकीय, सरकारी अनुदान प्राप्त और निजी बहुतकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों को इन निर्देशों का पालन करने के आदेश दिए हैं।
सरकारी प्रक्रिया में तेज़ी और पारदर्शिता
हरियाणा सरकार के इन तीन बड़े फैसलों का मकसद सरकारी प्रक्रिया में तेजी लाना और जनता के सामने पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। विकास कार्यों की मॉनिटरिंग से लेकर कर्मचारियों को उनकी मेहनत का सही पारिश्रमिक देने तक, सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। इससे न केवल सरकारी कामकाज में सुधार होगा, बल्कि जनता का भी विश्वास बढ़ेगा।