Minority Schools In Chandigarh: सिटी ब्यूटीफुल के अल्पसंख्यक स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित वर्ग (DG) के बच्चों के लिए दाखिला प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। 1 दिसंबर से इन वर्गों के बच्चों को स्कूलों में एडमिशन दिया जाएगा। इस बार 275 सीटों पर दाखिले का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा विभाग ने शहर के 20 अल्पसंख्यक स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे दाखिला प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें और इसकी जानकारी विभाग को दें।
अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए विशेष निर्देश
शिक्षा विभाग ने स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे आरक्षित सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर, उसकी रिपोर्ट विभाग को सौंपें। यह प्रक्रिया 1996 की स्कीम के तहत चल रही है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के छात्रों को नाममात्र की फीस पर दाखिला दिया जाता है। इन छात्रों से वही शुल्क लिया जाएगा, जो सरकारी स्कूलों के छात्रों से लिया जाता है।
किन स्कूलों में शुरू हुआ एडमिशन?
श्री गुरु हरकृष्ण मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (सेक्टर-38), सेंट जेवियर स्कूल (सेक्टर-44) और रयान इंटरनेशनल स्कूल (सेक्टर-49) समेत शहर के अन्य अल्पसंख्यक स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन से अप्रैल 2024 के अंत तक एक विस्तृत रिपोर्ट जमा करने को कहा है। इसमें यह जानकारी देनी होगी कि कितने EWS और DG वर्ग के बच्चों को दाखिला दिया गया है।
275 सीटों पर एडमिशन का लक्ष्य
शहर के 20 अल्पसंख्यक स्कूलों में कुल 1,825 सीटें हैं। इनमें से 275 सीटें EWS और DG वर्ग के लिए आरक्षित हैं। शिक्षा विभाग के निदेशक हरसुहिंदरपाल सिंह बराड़ ने बताया कि पिछले साल भी दाखिला प्रक्रिया में स्कूलों ने पूरा सहयोग दिया था। इस साल भी उम्मीद है कि यह प्रक्रिया समय पर और सही तरीके से पूरी होगी।
स्कूलों को रिकॉर्ड तैयार रखने के निर्देश
शिक्षा विभाग ने सभी अल्पसंख्यक स्कूलों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे एडमिशन का पूरा रिकॉर्ड संभालकर रखें। किसी भी समय विभाग इस रिकॉर्ड को जांचने की मांग कर सकता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आरक्षित सीटों का लाभ केवल योग्य और जरूरतमंद छात्रों को मिले।
दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूरी
शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होनी चाहिए। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दाखिला प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। जो भी जानकारी विभाग से साझा की जाएगी, वह सत्यापित होनी चाहिए।
प्रक्रिया से जुड़ी अहम बातें
- 1 दिसंबर से दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी।
- आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को न्यूनतम फीस पर दाखिला मिलेगा।
- स्कूलों को अप्रैल 2024 तक रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपनी होगी।
- दाखिला प्रक्रिया 1996 की स्कीम के तहत होगी।
- 20 अल्पसंख्यक स्कूलों में कुल 1,825 सीटों में से 275 सीटें आरक्षित।
शिक्षा विभाग की उम्मीदें
शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस बार भी स्कूल एडमिशन प्रक्रिया में पूरा सहयोग देंगे। विभाग का मुख्य उद्देश्य है कि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिलें। इससे न केवल बच्चों की शिक्षा का स्तर बेहतर होगा, बल्कि सामाजिक समरसता भी बढ़ेगी।