Haryana: हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) के अंतर्गत हो रही नियुक्तियां विवादों में घिर गई हैं। 19 नवंबर 2024 को, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और एचकेआरएनएल के अधिकारियों को अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया। यह याचिका जगबीर मलिक द्वारा दायर की गई, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य सरकार ने कोर्ट के पूर्व निर्देशों का उल्लंघन करते हुए अनुबंध के आधार पर नियुक्तियां की हैं ।
कोर्ट ने मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव के अलावा एचकेआरएनएल के सह-अध्यक्ष विवेक जोशी और सीईओ अमित खत्री को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के बार-बार निर्देश देने के बावजूद, प्रदेश सरकार ने संविदा नियुक्तियों के जरिए बड़े पैमाने पर सरकारी पदों को भरने का फैसला लिया, जो कि नियमों का उल्लंघन है ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
याचिका में यह भी बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले (उमा देवी केस) में कहा था कि स्थायी सरकारी पदों पर तदर्थ व्यवस्था का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। अदालत ने राज्य सरकारों को नियमित भर्ती प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया था, ताकि सार्वजनिक सेवा में पारदर्शिता और योग्यता का पालन हो सके ।
कौन-कौन से पदों पर हो रही हैं भर्तियां?
हरियाणा सरकार ने एचकेआरएनएल के जरिए विभिन्न सरकारी विभागों में शिक्षकों, जूनियर इंजीनियर्स, लैब तकनीशियन, स्टाफ नर्स, और अन्य तकनीकी व गैर-तकनीकी पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू हो चुकी है, जिसमें मैरिट लिस्ट, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और मेडिकल टेस्ट के बाद चयन होगा ।
विवाद का कारण
याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी कर संविदा भर्तियां शुरू की हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की नियुक्तियां सार्वजनिक रोजगार की मौलिक संरचना के खिलाफ हैं। संविदा भर्तियों में पारदर्शिता और स्थायित्व के अभाव के कारण, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है