Panchayat Model Rules: केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि देश की पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इसके लिए विभिन्न पहलें और योजनाएं लागू की जा रही हैं. हालांकि राज्य सरकारों की ओर से इस दिशा में उत्साह नजर नहीं आता. संविधान के अनुच्छेद 243H में दिए गए प्रावधान के अनुसार राज्य विधानमंडल पंचायतों को अलग-अलग प्रकार के कर और शुल्क लगाने की अनुमति दे सकते हैं. लेकिन वास्तविकता में राज्य सरकारें इसमें रुचि नहीं दिखा रही हैं.
राज्यों द्वारा पंचायतों की आय में उदासीनता
कई राज्यों ने पंचायतों की अपने संसाधनों से आय बढ़ाने के लिए नियम तो बनाए हैं. लेकिन इन नियमों में पंचायतों को ज्यादा अधिकार नहीं दिए गए हैं. अब केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है और राष्ट्रीय स्तर पर पंचायतों के लिए अच्छा नियम बनाने की दिशा में काम कर रही है.
पंचायतीराज मंत्रालय का प्रयास
हाल ही में पंचायतीराज मंत्रालय ने केंद्रीय वित्त आयोग के साथ मिलकर राज्य वित्त आयोगों का एक सम्मेलन आयोजित किया. इस सम्मेलन में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. जिसमें बताया गया कि देशभर की ग्राम पंचायतों की औसत राजस्व प्राप्ति केवल 59 रुपये प्रति व्यक्ति है, जो कि चिंताजनक है.
आगामी नियम और नीतियां
पंचायतीराज मंत्रालय अब पंचायतों के आय संसाधन बढ़ाने के लिए अच्छा नियम बनाने जा रहा है. इन नियमों में संविधान में प्रदत्त अधिकारों को शामिल किया जाएगा ताकि पंचायतें वास्तव में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें.