7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है। 1 अप्रैल 2024 से नई एकीकृत पेंशन योजना (Universal Pension Scheme) लागू होने जा रही है। यह योजना कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। लंबे समय से सरकारी कर्मचारी आठवें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने अभी इसकी तारीख तय नहीं की है। लेकिन, एकीकृत पेंशन योजना के जरिए कर्मचारियों को राहत देने की कोशिश की जा रही है।
एकीकृत पेंशन योजना में क्या मिलेगा?
एकीकृत पेंशन योजना के तहत, सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय गारंटीकृत पेंशन मिलेगी।
- कर्मचारी अपने मूल वेतन और 12 महीने के महंगाई भत्ते का औसत पेंशन के रूप में प्राप्त करेंगे।
- उन्हें अपने वेतन और डीए का 10% पेंशन फंड में जमा करना होगा।
- सरकार इस फंड में 18.5% का योगदान करेगी।
- कर्मचारी चाहें तो NPS (National Pension Scheme) या UPS (Universal Pension Scheme) में से किसी एक योजना को चुन सकते हैं।
यह योजना पुरानी पेंशन की तरह स्थिरता और नई पेंशन योजना के निवेश फायदों का मिश्रण है।
पुरानी और नई पेंशन योजना में अंतर
कई वर्षों से सरकारी कर्मचारियों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) को लेकर बहस चल रही है।
- पुरानी पेंशन योजना (OPS):
- OPS के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन मिलती थी।
- यह पेंशन अंतिम वेतन का एक तय प्रतिशत होती थी।
- सरकार पूरी पेंशन का भुगतान करती थी।
- नई पेंशन योजना (NPS):
- NPS 2003 में शुरू हुई।
- इसमें पेंशन कर्मचारी के निवेश पर आधारित होती है।
- 60% राशि एकमुश्त मिलती है, और 40% राशि वार्षिकी में जाती है।
- बाजार की स्थिति पर पेंशन निर्भर करती है, जिससे अनिश्चितता रहती है।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग
सरकारी कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं।
- उनका कहना है कि NPS में उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है।
- पेंशन की राशि बाजार की उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है।
- कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर कई प्रदर्शन और आंदोलन किए हैं।
कुछ राज्य सरकारों ने OPS को लागू करने पर विचार किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) का उद्देश्य क्या था?
NPS को 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने लागू किया था।
- इसका मकसद सरकारी खजाने पर भार कम करना और एक स्थिर पेंशन प्रणाली तैयार करना था।
- शुरुआत में यह योजना सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए थी। बाद में इसे राज्य सरकार के कर्मचारियों पर भी लागू कर दिया गया।
- इसमें कर्मचारियों का पेंशन फंड उनके द्वारा किए गए निवेश और बाजार के प्रदर्शन पर आधारित होता है।
हालांकि, इस योजना में एक निश्चित पेंशन तय नहीं होती। यही कारण है कि कर्मचारी असंतुष्ट हैं और OPS की मांग कर रहे हैं।
एकीकृत पेंशन योजना क्यों है खास?
सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना को कर्मचारियों के लिए आकर्षक बनाने का प्रयास किया है।
- इसमें OPS की स्थिरता और NPS के निवेश फायदों को मिलाने की कोशिश की गई है।
- कर्मचारियों को गारंटीकृत पेंशन मिलेगी, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- सरकार का योगदान इसे और अधिक लाभकारी बनाता है।
यह योजना विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगी जो अपने सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर आय चाहते हैं।