Delhi-Dehradun Expressway: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और देश की राजधानी दिल्ली के बीच सफर अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज होने जा रहा है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) का काम अपने आखिरी चरण में है और इसे दिसंबर 2024 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह जानकारी अधिकारियों ने हाल ही में साझा की।
14,285 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है एक्सप्रेसवे
इस हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगभग 14,285 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इसके नवंबर के अंत तक निर्माण कार्य पूरा होने और सेफ्टी ऑडिट के बाद दिसंबर में चालू होने की संभावना है। एक्सप्रेसवे पर वाहन चलने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा में लगने वाला समय घटकर मात्र 2.5 घंटे रह जाएगा।
सफर के बीच मिलेगा वाइल्डलाइफ का अनुभव
इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात है 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर। यह कॉरिडोर राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरेगा। घने जंगलों के ऊपर से गुजरने वाला यह कॉरिडोर पर्यटकों को प्राकृतिक खूबसूरती और जंगली जानवरों के नजदीकी दर्शन का अवसर देगा। इसके चलते न केवल सफर रोमांचक होगा, बल्कि जानवरों के लिए भी यह एक सुरक्षित क्षेत्र रहेगा।
दिल्ली में 19 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनेगी
दिल्ली के भीतर अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) तक 32 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसमें से 19 किलोमीटर सड़क एलिवेटेड होगी। इस सड़क के नीचे 6 लेन की अतिरिक्त सड़क भी तैयार की जा रही है, जो दिल्ली के ट्रैफिक को नियंत्रित करने में मदद करेगी।
आसान एंट्री प्वाइंट्स और सुरक्षित सफर
इस एक्सप्रेसवे पर एंट्री के लिए कई प्वाइंट्स बनाए गए हैं। यूपी से आने वाले यात्रियों को मंडोला के पास एंट्री पॉइंट मिलेगा। इसके अलावा विजय विहार और 5 पुस्ता रोड से भी एक्सप्रेसवे पर चढ़ने की सुविधा होगी। पूरे एक्सप्रेसवे पर आधुनिक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा, सड़क पर टोल प्लाजा को भी हाईटेक बनाया जा रहा है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
पर्यावरण के लिए बनाए गए खास इंतजाम
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जा रहा है। इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सड़क के किनारे बड़ी संख्या में पेड़ लगाए जाएंगे। इसके अलावा, सोलर पैनल्स और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है कि यात्रा को तेज, आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाए।