Haryana News: हरियाणा में लंबे समय से कई क्षेत्रों के जिला और उपमंडल बनाने की मांग की जा रही थी, जिसमें हांसी, असंध, डबवाली, मानेसर, गोहाना को जिला बनाने और बवानी खेड़ा तथा कलानौर को उपमंडल का दर्जा देने की उम्मीद थी। लेकिन अब जनवरी के पहले सप्ताह तक सरकार ने जनगणना की प्रक्रिया को पूरा होने तक प्रशासनिक सीमाओं में किसी भी बदलाव पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद, इन क्षेत्रों को नया प्रशासनिक दर्जा मिलने की संभावना पर सवाल उठने लगे हैं।
आदेश का प्रभाव और रोक की वजह
हरियाणा के वित्त आयुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। उनका कहना है कि जनगणना के परिणाम आने तक प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव नहीं किया जाएगा। सरकार ने यह कदम प्रशासनिक कार्यों को व्यवस्थित रखने और जनगणना के डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।
पूर्व मंत्री और कमेटी का पुनर्गठन
इस मुद्दे से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि तत्कालीन कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर की अध्यक्षता में बनी कमेटी का पुनर्गठन अब जरूरी हो गया है। जिन नेताओं की अध्यक्षता में यह कमेटी बनाई गई थी—वित्त मंत्री जयप्रकाश दलाल, विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री महिपाल ढांडा, और शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा—वह सभी विधानसभा चुनाव में हार गए। इसलिए सरकार को इस कमेटी के पुनर्गठन की आवश्यकता महसूस हुई है।
हालिया प्रशासनिक बदलाव
हालांकि, सरकार ने कुछ प्रशासनिक बदलावों को मंजूरी दी थी। दिसंबर 2023 में 6 नए उपमंडल बनाए गए थे, जिनमें मानेसर, नीलोखेड़ी, इसराना, छछरौली, नांगल चौधरी, महेंद्रगढ़ और जुलाना शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य क्षेत्रों जैसे अंबाला कैंट, बड़ौदा, बड़खल, नारनौंद, बादली, उचाना, घरौंडा, पुन्हाना और रादौर को उपमंडल का दर्जा मिल चुका है।
लेकिन बवानी खेड़ा और कलानौर को उपमंडल बनाने की योजना अब अगले आदेश तक लटकी हुई है। इन बदलावों का असर उन क्षेत्रों के विकास कार्यों पर भी पड़ा है, जो अब तक इस प्रशासनिक दर्जे के लिए इंतजार कर रहे थे।