Top Expincive City: भारतीय आईटी और ऑटोमोबाइल उद्योगों की तेजी से बढ़ोतरी ने लोगों को बड़े शहरों की ओर आकर्षित किया है. इस वजह से शहरीकरण की दर में भारी बढ़ोतरी हुई है और साथ ही रहने की लागत में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. आवास, भोजन और अन्य सुविधाओं की कीमतें इन शहरों में आसमान छू रही हैं. जिससे ये शहर भारत के सबसे महंगे शहरों में गिने जा रहे हैं.
मुंबई
मुंबई जिसे ‘सपनों का शहर’ भी कहा जाता है. अपने उच्च जीवन यापन की लागत के कारण भारत का सबसे महंगा शहर बन गया है. यहां के रियल एस्टेट की कीमतें इतनी अधिक हैं कि आम लोगों के लिए यहां आवास उपलब्ध कराना कठिन हो गया है. मुंबई में आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की ज्यादा कीमतें इसे देश के सबसे महंगे शहरों की सूची में सबसे ऊपर ले आती हैं.
दिल्ली
दिल्ली भारत की राजधानी लिविंग कॉस्ट के मामले में दूसरे स्थान पर है. दिल्ली में रहने की लागत, खाने-पीने की लागत सहित, अत्यधिक महंगी है. शहर की जनसंख्या और ज्यादा मांग के कारण आवासीय संपत्तियों की कीमतें बहुत अधिक हैं.
बेंगलुरु
बेंगलुरु जिसे भारतीय सिलिकॉन वैली के नाम से जाना जाता है. बेंगलुरु भी देश के सबसे महंगे शहरों में से एक है. आईटी हब होने के नाते, यहां की आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों की डिमांड बहुत अधिक है. जिसके कारण यहां के रहन-सहन की लागत काफी बढ़ गई है.
कोलकाता और चेन्नई
कोलकाता और चेन्नई भारत के चौथे और पांचवें सबसे महंगे शहर के रूप में उभरे हैं. कोलकाता में आईटी और ऑटोमोबाइल उद्योग की बढ़ोतरी के साथ जीवन यापन की लागत में इजाफा हुआ है. वहीं चेन्नई में आवास और खानपान की लागत ने इसे दक्षिण भारत के सबसे महंगे शहरों में स्थान दिलाया है.