Bijli Bill: उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों (smart prepaid meters) के तेजी से चलने की शिकायतें आम हैं. बिजली ग्राहकों का मानना है कि ये मीटर पुराने मीटरों की तुलना में जल्दी चलते हैं. जिससे उनके बिजली बिल में असामान्य बढ़ोतरी होती है. इस समस्या का समाधान ढूँढने के लिए विद्युत वितरण निगम नए कदम उठा रहा है.
चेक मीटर लगाने की पहल
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UP Power Corporation Limited) ने उपभोक्ताओं को चेक मीटर लगाने का विकल्प देने की पहल की है. इसके तहत, हर 100-120 मीटरों के बीच पांच प्रतिशत चेक मीटर लगाए जा सकते हैं. जिससे अन्य मीटरों के तेज चलने की शंकाओं का समाधान किया जा सकता है.
ऊर्जा खपत में बढ़ोतरी और इसके प्रभाव
ठंड में गीजर और रूम हीटर के अधिक इस्तेमाल से बिजली की खपत (increased energy consumption in winter) बढ़ती है. जिससे बिजली के मीटर तेजी से चलते हैं और जेब पर भारी बोझ पड़ता है. गर्मी में पहले से ही बिजली की खपत अधिक होती है, लेकिन ठंड में भी यह जारी रहता है.
चेक मीटर की प्रक्रिया और लागत
अगर मीटर तेज चलने की शिकायत होती है तो चेक मीटर लगाने के लिए उपखंड अधिकारी यानि एसडीओ या खंड के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है. सिंगल फेज के कनेक्शन पर चेक मीटर के लिए 118 रुपये चार्ज लगता है.
चेक मीटर के परिणाम और उपभोक्ता संतुष्टि
चेक मीटर लगाने के बाद लगभग 15 दिनों तक जांच की जाती है और फिर उसके परिणामों के आधार पर कदम उठाया जाता है. यदि चेक मीटर से जांच के दौरान कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो मीटर बदल दिया जाता है.