Satellite Internet: स्टारलिंक जिसे एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी ने विकसित किया है. अब भारतीय बाजार में अपनी सेवाएं शुरू करने की कगार पर है. भारत सरकार और स्टारलिंक के बीच चर्चाएं जारी हैं और ट्राई (TRAI) की सिफारिशों के बाद इसके दिसंबर तक लॉन्च होने की संभावना है. यह सेवा भारत में इंटरनेट की पहुंच को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है. विशेषकर दूरदराज के इलाकों में
सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य
स्टारलिंक की विशेषता यह है कि यह उन ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में भी इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगी. जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड कनेक्शन पहुंचने में असमर्थ हैं. इससे शिक्षा स्वास्थ्य सेवा और व्यापार के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है और यह जियो और एयरटेल जैसी स्थापित टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करेगा
स्टारलिंक की संभावित कीमतें
भारत में स्टारलिंक की कीमत को लेकर अभी बहुत कुछ अनिश्चित है. लेकिन अगर हम वैश्विक मूल्य निर्धारण को देखें तो यह संकेत मिलता है कि शुरुआती निवेश के बाद उपभोक्ताओं को मासिक शुल्क पर भी विचार करना होगा. इसकी शुरुआती कीमत और उपकरण लागत ऊंची हो सकती है. लेकिन इसके दीर्घकालिक लाभ इसकी लागत को सही ठहरा सकते हैं
स्टारलिंक का वैश्विक प्रसार
एलन मस्क ने हाल ही में घोषणा की कि स्टारलिंक अब 100 से अधिक देशों में मौजूद है. जिससे इसकी वैश्विक पहुंच का पता चलता है. यह विस्तार न केवल तकनीकी उन्नति को दर्शाता है. बल्कि यह भी बताता है कि स्टारलिंक की सेवाओं को विश्व स्तर पर कैसे अपनाया जा रहा है