Government Free Schemes: हाल ही में भारत की सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर की गई है जिसमें मांग की गई है कि सरकारी द्वारा चलाई जा रही सभी मुफ्त योजनाओं को बंद किया जाए (Government free schemes). यह याचिका खासकर उन योजनाओं के खिलाफ है जिनका इस्तेमाल चुनावी लाभ के लिए किया जाता है.
क्यों मांगी गई योजनाओं की बंदी
याचिकाकर्ता का कहना है कि मुफ्त योजनाएं सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और इससे जनता को भ्रष्ट आदतें लग जाती हैं. इस तरह की योजनाएं जनता को आत्मनिर्भर होने से रोकती हैं और उन्हें आलसी बनाती हैं. इसके अलावा इन योजनाओं की वजह से सरकारी खजाने पर भी बोझ पड़ता है.
सरकारी योजनाओं का चुनावी इस्तेमाल
यह देखा गया है कि चुनाव से पहले विभिन्न राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए मुफ्त योजनाओं की घोषणा करते हैं. इससे वे मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं. यही नहीं चुनाव जीतने के बाद भी ये योजनाएं जारी रहती हैं जिससे अगले चुनाव में भी इनका फायदा मिल सके.
विशेषज्ञों की राय और समाज पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि मुफ्त योजनाएं वास्तव में जनता के लिए दीर्घकालिक हानि का कारण बनती हैं. इससे लोग सरकारी सहायता पर निर्भर हो जाते हैं और उनमें खुद की मेहनत से कुछ करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है.
सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई चल रही है और अगर अदालत इस याचिका को स्वीकार कर लेती है तो निश्चित रूप से भारतीय राजनीति और सामाजिक ढांचे में बड़े बदलाव आएंगे. यह मुद्दा न केवल राजनीतिक दलों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करेगा.