Chankya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जिनकी वाणी पर उनका कोई नियंत्रण नहीं होता (uncontrolled speech). वे बिना सोचे-समझे कहीं भी कुछ भी बोल देती हैं. ऐसी बेलगाम बोली न केवल परिवार के लिए असुविधाजनक स्थिति पैदा करती है. बल्कि कई बार तो यह परिवार के लिए बड़ी मुसीबत का कारण भी बन जाती है. चाणक्य का मानना था कि ऐसी महिलाओं की वजह से परिवार की एकता में दरार आ सकती है.
गुस्सा और उसके परिणाम
चाणक्य ने यह भी बताया कि जो महिलाएं हर छोटी-बड़ी बात पर गुस्सा करती हैं. उनका यह गुस्सा (anger issues) परिवार के लिए विध्वंसक साबित हो सकता है. गुस्सा परिवार की खुशहाली और तरक्की को रोक सकता है. जो महिलाएं बात-बात पर गुस्सा करती हैं. वे अक्सर परिवार के माहौल को नकारात्मक बना देती हैं. जिससे सभी सदस्य प्रभावित होते हैं.
चाणक्य की नीतियों में महिलाओं की भूमिका
आचार्य चाणक्य के अनुसार एक स्त्री का व्यवहार (women’s behavior) परिवार के समृद्धि और विनाश के बीच का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. उनके अनुसार ये बुरी आदतें न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती हैं. बल्कि पूरे परिवार की भावनात्मक और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित करती हैं.
चाणक्य के सुझाव और उपाय
चाणक्य नीति के अनुसार महिलाओं को अपनी वाणी और गुस्से पर नियंत्रण रखने के लिए आत्म-नियंत्रण (self-control) और संयम बरतने की आवश्यकता है. इससे न केवल उनका अपना जीवन सुधरेगा. बल्कि उनके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा और संबंधों में भी सुधार होगा.