Pollution Break: दिवाली के बाद उत्तर भारत विशेषकर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर (Air Quality Index (AQI) तेजी से बढ़ने लगता है. नवंबर माह के आते-आते दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों में AQI 300 के पार पहुंच जाता है. इस वजह से स्थानीय लोगों खासकर बच्चों को सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं होती हैं.
प्रदूषण ब्रेक का अभ्यास
प्रदूषण की इस समस्या को देखते हुए. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण ब्रेक की शुरुआत की. पिछले वर्षों की तरह इस साल भी दिल्ली-एनसीआर में जब AQI चिंताजनक लेवल को पार कर जाता है. तो स्कूलों और अन्य शैक्षिक संस्थानों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया जाता है. इससे बच्चों को उनकी सेहत पर प्रदूषण का बुरा असर पड़ने से बचाया जा सकता है.
क्या है ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान?
दिल्ली का औसत AQI जब 450 पार करता है, तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्तर 4 लागू होता है. इस लेवल पर सरकार स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय लेती है. पिछले साल प्रदूषण ब्रेक के दौरान स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं चलाई गई थीं. ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो. इस साल भी इसी प्रकार की व्यवस्था की जा सकती है.
छुट्टी कब मिल सकती है?
अगर AQI का लेवल लगातार चिंताजनक रहता है, तो सरकार द्वारा स्कूलों में छुट्टी घोषित की जा सकती है. विद्यालय प्रबंधन पहले ही मॉर्निंग असेंबली और आउटडोर गेम्स पर रोक लगा चुके हैं और आगे भी ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर सकते हैं ताकि पढ़ाई में व्यवधान न आए.
सरकारी प्रयास और जन जागरूकता
इस बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ सरकार और नागरिकों को मिलकर कार्य करने की जरूरत है. जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से और निजी वाहनों के उपयोग में कमी लाने के प्रयासों से ही इस समस्या का समाधान संभव है.