राजधानी दिल्ली सहित पूरे भारत में नए ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने वाले है। यह खबर उन सभी के लिए राहत भरी है जो नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की तैयारी में हैं।
सरलीकृत प्रक्रिया की शुरुआत
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की जटिल प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में कदम उठाया है। 1 जून से इस नए नियम लागू होने जा रहे है जिससे लाइसेंस प्राप्ति की प्रक्रिया में आसानी आएगी और लोगों को बार-बार RTO का चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगी।
नए नियम
नए नियम के तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को RTO में टेस्ट देना अनिवार्य नहीं होगा। वे किसी भी RTO से अधिकृत प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल में टेस्ट दे सकते हैं। यह स्कूलों से प्राप्त प्रमाणपत्र के आधार पर RTO में लाइसेंस जारी किया जाएगा जिससे प्रक्रिया काफी सुविधाजनक हो जाएगी।
आवश्यक ट्रेनिंग और योग्यता
हालांकि टेस्ट देने की प्रक्रिया सरल हो गई है ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग की आवश्यकता बरकरार रहेगी। छोटे वाहनों के लिए कम से कम चार हफ्ते और 29 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी जिसमें 21 घंटे प्रैक्टिकल और 8 घंटे थ्योरी शामिल हैं। बड़े वाहनों के लिए यह ट्रेनिंग छह हफ्ते और 38 घंटे की होगी।