Haryana News: फतेहाबाद जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है जो पराली प्रबंधन की समस्या से जूझ रहे थे. इस वर्ष उन्हें इस समस्या से निजात मिलती दिख रही है. क्योंकि यहां पराली से ऊर्जा और खाद (Paddy Straw Management) बनाने के नए प्लांट लगाए गए हैं. इस पहल से पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान भी होगा और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी.
भूना पॉवर प्लांट में ऊर्जा उत्पादन की शुरुआत
भूना पॉवर प्लांट में धान की फसल के अवशेषों का प्रयोग कर ऊर्जा उत्पादन (Bioenergy production) का काम शुरू हो गया है. प्लांट में फसल अवशेषों की गांठें बनाने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है. जिससे आगे चलकर बिजली उत्पन्न की जाएगी. इससे न केवल ऊर्जा की आपूर्ति में सहायता मिलेगी. बल्कि किसानों को भी अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा.
सीएनजी और खाद उत्पादन की नई सुविधाएँ
हांसपुर में एक नया प्लांट इस वर्ष सीएनजी और खाद बनाने के लिए (CNG and fertilizer production) लगाया गया है. यह प्लांट इस साल एक लाख क्विंटल फसल अवशेषों की खरीद करेगा. जिससे किसानों को उनकी फसल के अवशेषों का उचित मूल्य मिल सकेगा और पर्यावरणीय संरक्षण में भी योगदान होगा.
कृषि विभाग के प्रयास और किसानों को सहायता
फतेहाबाद कृषि विभाग ने इस सीजन में धान की फसल के अवशेषों को जमीन में मिलाने और गांठें बनाने का बड़ा लक्ष्य (Agricultural initiatives) रखा है. सरकार ने बेलर और सुपर सीडर मशीनें सब्सिडी पर उपलब्ध कराई हैं. जिससे किसानों को अपनी फसल के अवशेषों को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा किसानों को इसके लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. जिससे वे इस दिशा में और अधिक प्रेरित होंगे.