Toll Plaza: केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का वादा है कि वे सड़कों से टोल प्लाजा को हटा देंगे. इस दिशा में एक नई पहल के रूप में NHAI (National Highways Authority of India) द्वारा द्वारका एक्सप्रेसवे पर मल्टी लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया जा रहा है. इसके सफल होने पर द्वारका एक्सप्रेसवे से एकमात्र टोल प्लाजा भी हटा दिया जाएगा.
नई तकनीक से टोल कलेक्शन में क्रांति
इस नवीनतम टोल संग्रहण प्रणाली में सेंसर और फील्ड उपकरण शामिल हैं जो गाड़ियों का डेटा संसाधित करके बैंक को भेजेंगे. यह प्रक्रिया न केवल त्वरित है बल्कि यह टोल ऑपरेटर्स की आवश्यकता को भी समाप्त कर देती है. जिससे प्रक्रिया और अधिक कुशल बन जाती है.
बैंकों की भूमिका और चुनौतियां
भारतीय बैंकों के पास डायरेक्ट टोल कलेक्शन में अनुभव नहीं है. इसलिए NHAI की सब्सिडियरी IHMCL ने सब-कॉन्ट्रैक्टर को इस दायित्व को सौंपा है. यह सुनिश्चित करता है कि सब कॉन्ट्रैक्टर्स के पास पर्याप्त अनुभव हो ताकि वे इस हाई टेक्निकल सिस्टम को सफलतापूर्वक लागू कर सकें.
फास्टटैग की भविष्य की स्थिति
फास्टटैग का उपयोग अभी भी जारी रहेगा क्योंकि नया सिस्टम वाहन डेटाबेस से जुड़ा हुआ है और बैंक फास्टटैग वॉलेट से धनराशि काट लेगा. यह नया सिस्टम वाहन स्वामियों को उनके टोल भुगतान के संदर्भ में अधिक स्पष्टता प्रदान करता है और उन्हें अधिक लचीलापन देता है.
टोल प्लाजा का अंतिम दिन?
द्वारका एक्सप्रेसवे पर मौजूद एकमात्र टोल प्लाजा के संभावित समापन के साथ यह देखा जाएगा कि कैसे यह नया सिस्टम ट्रैफिक और राजस्व संग्रहण को प्रभावित करता है. सफल निविदा दाता को यह सिस्टम तीन महीने के भीतर लगाने की चुनौती होगी और उन्हें तीन साल के लिए यह कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा.