Mustard Oil: पंजाब के बाजारों में बिक रहे सरसों के तेल की क्वालिटी को लेकर एक गंभीर मुद्दा सामने आया है. हाल ही में यह पता चला है कि बाजारों में बिक रहा सरसों का तेल काफी मिलावटी (adulterated-oil) होता है. इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए रजिस्ट्रार जनरल को इसकी जांच करने के आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट की कार्रवाई और जांच के आदेश
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तीन प्रमुख ब्रांडों के सरसों के तेल के सैंपल की लैब में जांच (laboratory-investigation) कराने का आदेश दिया है. इस जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में बेचे जा रहे उत्पाद उपभोक्ता सुरक्षा कानूनों के अनुरूप हों और जनता को शुद्ध उत्पाद मिल सकें.
लंबित याचिका और कोर्ट की सुनवाई
इस मामले की याचिका 9 साल पहले दायर की गई थी और अब जाकर इस पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. याचिकाकर्ता ने यह पूछा है कि इतने वर्षों में मिलावटी तेल (adulteration-inquiry) बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. अगली सुनवाई 13 नवंबर को होनी है. जिसमें इस मुद्दे पर गहन चर्चा की जाएगी.
उपभोक्ता की जागरूकता और सुरक्षा के प्रयास
कपूरथला के राजेश गुप्ता द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि बाजार में बिकने वाले सरसों के तेल में भारी मिलावट (market-adulteration) है. इस तेल में मात्र 30 प्रतिशत ही सरसों का तेल होता है और शेष अन्य तेल होते हैं. जिससे उपभोक्ता के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
कदम उठाने की आवश्यकता
इस प्रकार के मामलों में शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है. उपभोक्ताओं को जागरूक करने के साथ-साथ उत्पादकों पर सख्ती से कानूनी कार्रवाई (legal-action-against-adulteration) करनी चाहिए. इससे न केवल मिलावटी तेल के विरुद्ध सख्त संदेश जाएगा बल्कि उपभोक्ताओं को भी अधिक सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी.