Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार परोपकार (altruism) वह गुण है जो व्यक्ति को न केवल सामाजिक सम्मान दिलाता है बल्कि आत्मिक संतुष्टि भी प्रदान करता है। जो व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करता है। वह न केवल समाज में उच्च स्थान प्राप्त करता है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी परिपूर्ण होता है।
मीठे वचन
मीठे वचन (sweet speech) बोलने वाले व्यक्ति हमेशा समाज में प्रिय होते हैं। चाणक्य का कहना है कि संवाद की कला में महारत हासिल करने वाले व्यक्ति का हर जगह सम्मान होता है। ऐसे व्यक्ति सदैव शांति और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।
भगवान की आराधना
आचार्य चाणक्य की नीतियों में भगवान की आराधना (devotion to God) को विशेष महत्व दिया गया है। जो लोग निष्काम भाव से भगवान का ध्यान करते हैं। उन्हें जीवन में उच्चतम पीठ पर स्थान मिलता है। यह उन्हें आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है।
जरूरतमंदों की सेवा
आचार्य चाणक्य ने जरूरतमंदों की सेवा करने के महत्व पर भी बल दिया है। उनके अनुसार समाज में जो लोग दूसरों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। वे न केवल दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनते हैं बल्कि खुद के लिए भी एक सुखद और संतुष्ट जीवन का निर्माण करते हैं।