Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के लिए जाना जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपने जीवनकाल में ऐसी नीतियों की रचना की है. जिन्हें अपनाकर कोई भी व्यक्ति सफल और समृद्ध जीवन जी सकता है. इनकी नीतियाँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. जितनी कि उनके समय में थीं. चाणक्य को अक्सर 20वीं सदी के सबसे विद्वान और ज्ञानी पुरुषों की श्रेणी में रखा जाता है.
पैसों से जरूरी धर्म
चाणक्य ने सिखाया है कि जीवन में पैसे की आवश्यकता तो होती है. लेकिन धर्म (dharma) का महत्व पैसों से कहीं अधिक है. धर्म ही वह मूल्य है जो व्यक्ति को सही और गलत के बीच का अंतर समझने में मदद करता है. चाणक्य की नीति के अनुसार, जब भी धर्म और पैसे में से एक को चुनने की स्थिति आए, तो हमेशा धर्म को चुनना चाहिए.
रिश्तों को संभालना
चाणक्य ने यह भी सिखाया कि रिश्ते-नाते (relationships) पैसों से कहीं अधिक मूल्यवान होते हैं. वे कहते हैं कि आप पैसों के बिना जी सकते हैं. लेकिन बिना परिवार और दोस्तों के जीना अधिक कठिन होता है. यही कारण है कि व्यक्ति को हमेशा अपने रिश्तों को प्राथमिकता देनी चाहिए.
आत्म-सम्मान
चाणक्य ने आत्म-सम्मान (self-respect) को जीवन की सबसे कीमती चीज बताया है. उनके अनुसार एक व्यक्ति को अपने आत्म-सम्मान के लिए कभी समझौता नहीं करना चाहिए. यहां तक कि पैसों की कीमत पर भी नहीं. आत्म-सम्मान के बिना, व्यक्ति की पहचान और गरिमा को नुकसान पहुंचता है. जिसे वापस पाना कठिन हो सकता है.