New Variety Of Wheat: खरीफ सीजन के समापन के साथ ही भारतीय किसान रबी सीजन के लिए खेती की तैयारियाँ शुरू कर रहे हैं. इस दौरान गेहूं (wheat cultivation) की खेती करने वाले किसानों को उनकी आय बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने ज्यादा उत्पादन वाली नई किस्में विकसित की हैं. इन किस्मों का उद्देश्य किसानों को अधिक लाभ (higher yield) प्रदान करना है. जिससे उनकी आय में सुधार हो सके.
करण आदित्य डीबीडब्ल्यू 332
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने गेहूं की एक नई किस्म करण आदित्य डीबीडब्ल्यू 332 (Karan Aditya DBW 332) विकसित की है. जो अधिक पैदावार देने में सक्षम है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह अन्य प्रचलित किस्मों की तुलना में 12 से 31.3 प्रतिशत तक अधिक पैदावार (increased productivity) दे सकती है. जिससे किसानों की उत्पादन क्षमता में भारी बढ़ोतरी हो सकती है.
गेहूं की इस किस्म के अनोखे गुण
करण आदित्य डीबीडब्ल्यू 332 किस्म की विशेषताएं इसे अत्यंत उपयोगी बनाती हैं. इस किस्म की पौधों की ऊँचाई लगभग 97 सेमी (plant height) होती है और इसके एक हजार दानों का वजन करीब 46 ग्राम होता है. इस किस्म की बुवाई से उत्पादकता में स्थिरता और बढ़ोतरी देखी गई है. विशेषकर जब इसमें ज्यादा उर्वरकों (high fertilization) और बढ़ोतरी नियंत्रकों का उपयोग किया जाता है. इसकी परिपक्वता अवधि भी 156 दिन होती है जो इसे तेजी से पकने वाली किस्म बनाती है.
भारत के लिए इस किस्म की स्टेबिलिटी
करण आदित्य डीबीडब्ल्यू 332 किस्म भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों (Northwestern plains of India) के लिए विशेष रूप से अनुशंसित है. यह विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त है. जहाँ इसे ज्यादा उत्पादन के साथ संचालित किया जा सकता है.