UP Ration Update: बरेली जिले में पिछले दो महीनों के दौरान 27 राशन दुकान लाइसेंस (Ration Shop License) सरेंडर किए जा चुके हैं. पूर्ति विभाग के अनुसार इनमें से 15 लाइसेंस शहरी क्षेत्रों के और 12 ग्रामीण क्षेत्रों के हैं. यह संख्या जिले में कुल 1800 कोटेदारों की तुलना में काफी कम है. परंतु इससे जिले में राशन वितरण प्रणाली (Ration Distribution System) पर असर पड़ने की चिंता बढ़ गई है. लाइसेंस सरेंडर करने के पीछे कोटेदारों ने मुख्यतः व्यक्तिगत कारण बताए हैं.
डिजिटल प्रणाली का प्रभाव
बरेली में राशन वितरण की डिजिटल प्रणाली (Digital Ration Distribution) के क्रियान्वयन से खेल की संभावनाएं समाप्त हो गई हैं. ई-पॉस मशीनों और इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीनों के आपसी संयोजन से राशन का निर्धारित मात्रा में ही वितरण सुनिश्चित होता है. जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रह जाती. इस नई व्यवस्था के कारण कई कोटेदार अपने लाइसेंस (License Issues) सरेंडर करने पर मजबूर हुए हैं.
कमीशन में कमी
बरेली के कोटेदारों को अक्सर गोदामों से कम मात्रा में खाद्यान्न मिलता है और कमीशन (Low Commission) भी पर्याप्त नहीं होता है. इससे कई उम्रदराज कोटेदारों के लिए राशन वितरण और भी कठिन हो गया है. नेटवर्क की समस्याओं और नए तकनीकी उपकरणों के साथ संघर्ष करते हुए. कमीशन की कमी ने कई कोटेदारों को वित्तीय रूप से प्रभावित किया है.
जिले में नए आवंटन की प्रक्रिया
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह के अनुसार जहां कोटेदार लाइसेंस सरेंडर कर रहे हैं. वहां नए आवंटन (New Allocation Process) के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं. इस प्रक्रिया से रिक्त हो रही दुकानों को नए कोटेदारों को आवंटित किया जा रहा है. ताकि राशन वितरण प्रणाली में कोई व्यवधान न आए. यह कदम स्थानीय प्रशासन की ओर से राशन वितरण प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश है.