kachori: राजस्थान का अलवर शहर अपनी कचौड़ियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां के निवासी और पर्यटक एक दिन में लगभग 15 लाख रुपये मूल्य की कचौड़ियां खा जाते हैं. इस खपत की मात्रा इतनी अधिक है कि इसे समझना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. इस आंकड़े से अलवर के खानपान की संस्कृति की विशेषता और उसके प्रति लोगों की दीवानगी साफ झलकती है.
अलवर के लोगों का खानपान प्रेम
अलवर में लोग प्रतिदिन लगभग 1 लाख समोसे, आलूबड़े, कचौड़ी और अलग-अलग प्रकार की नमकीन (snacks) का सेवन करते हैं. यह आंकड़ा न केवल उनके खानपान की विविधता को दर्शाता है. बल्कि यह भी बताता है कि कैसे ये स्थानीय व्यंजन लोगों के जीवन में रच-बस गए हैं.
दुकानदारों की बातचीत
अलवर के कचौड़ी विक्रेता बताते हैं कि उनकी दुकानों पर प्रतिदिन 1 लाख से अधिक समोसे और कचौड़ियां बिकती हैं. इस बिक्री से उनकी दैनिक आय में काफी बढ़ोतरी होती है और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था (local economy) को भी बल मिलता है.
हींग और चटनी के साथ कचौड़ी का स्वाद
अलवर में कचौड़ी के साथ परोसी जाने वाली चटनी और हींग का पानी इसे और भी स्वादिष्ट बना देता है. यहां के लोग कचौड़ी को आलू की सब्जी, दही और लहसुन की चटनी के साथ खाना पसंद करते हैं, जो इसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है.