Mumbai-Pune Expressway: भारत में एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यातायात की गति में सुधार हुआ है. बल्कि समय और ईंधन की बचत (fuel efficiency) भी होती है. इन एक्सप्रेसवेज की मदद से लंबी दूरी का सफर कम समय में तय किया जा सकता है जिससे यात्रा की लागत में कमी आती है.
महंगे एक्सप्रेसवे की वास्तविकता
अक्सर लोग सोचते हैं कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे या यमुना एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट देश के सबसे महंगे एक्सप्रेसवे होंगे. हालांकि पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे (Mumbai-Pune Expressway) वास्तव में सबसे महंगा है जहां टोल शुल्क अन्य सभी के मुकाबले अधिक है.
पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे
पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का पहला एक्सेस कंट्रोल्ड रोड है जिसे महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC) द्वारा विकसित किया गया है. इस रोड के बनने से पुणे और मुंबई के बीच की दूरी महज एक घंटे में तय की जा सकती है जिससे दोनों शहरों के बीच व्यापार और पर्यटन में वृद्धि हुई है.
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की लागत और टोल शुल्क
2002 में निर्मित इस एक्सप्रेसवे की लागत लगभग 1630 करोड़ रुपये थी. वर्तमान में इस पर वाहनों से 320 रुपये प्रति कार के हिसाब से टोल वसूला जाता है जो कि भारतीय एक्सप्रेसवे पर लगने वाले टोल शुल्क में सबसे अधिक है.
टोल-फ्री एक्सप्रेसवे के अन्य विकल्प
भारत में कुछ एक्सप्रेसवे ऐसे भी हैं जहां कोई टोल नहीं लगता जैसे कि मेरठ एक्सप्रेसवे पर कुछ हिस्सों में. यह उन यात्रियों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो टोल देने से बचना चाहते हैं.