Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें बीसवीं सदी के सबसे प्रभावशाली और ज्ञानी व्यक्तियों में गिना जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में व्यक्ति के आचरण और व्यवहार को लेकर विशेष बातें कही हैं. उनके अनुसार वे लोग जिन्हें वेदों का ज्ञान नहीं होता. उन्हें घर पर नहीं बुलाना चाहिए क्योंकि ये लोग जीवन के मूल्यों को समझने में असमर्थ होते हैं. इस प्रकार की अज्ञानता आपके और आपके परिवार के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है.
दूसरों के प्रति क्रूर व्यवहार
चाणक्य के अनुसार जो लोग दूसरों को जानबूझकर दुख पहुंचाते हैं. उन्हें भी अपने घर में जगह नहीं देनी चाहिए. ऐसे लोगों की क्रूरता और अफसोस न करने की प्रवृत्ति आपके परिवार के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.
मौकापरस्त व्यक्ति
चाणक्य ने यह भी सलाह दी है कि जो लोग केवल स्वार्थ सिद्धि के लिए दोस्ती करते हैं या रिश्ते निभाते हैं, उन्हें भी घर में स्थान नहीं देना चाहिए. ऐसे लोग सच्चे मित्र या सहयोगी नहीं हो सकते.
गलत कर्म करने वाले
जो लोग गलत कार्यों में लिप्त रहते हैं या गलत मार्ग पर चलने को सही समझते हैं. ऐसे व्यक्तियों से भी आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिए. उनकी संगति से न केवल आपके विचार प्रभावित हो सकते हैं बल्कि आपके जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
नकली और नकारात्मक विचार वाले व्यक्ति
चाणक्य ने उन लोगों के बारे में भी चेतावनी दी है जो मीठी बातें तो करते हैं परंतु उनके दिल में कुछ और ही होता है. ऐसे लोग आपके और आपके परिवार के लिए हानिकारक हो सकते हैं. इसके अलावा जिनकी सोच नकारात्मक हो. उनसे भी दूरी बनाए रखनी चाहिए क्योंकि वे आपके जीवन में निराशा और हताशा ला सकते हैं.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)