Indian Railways: भारतीय रेलवे की ट्रेनें रात के समय अक्सर अधिक गति (high speed) में चलाई जाती हैं. इसके पीछे कई तकनीकी और व्यवहारिक कारण हैं, जो न केवल यात्रा की दक्षता को बढ़ाते हैं. बल्कि यात्री सुरक्षा और सुविधा में भी योगदान देते हैं.
ट्रैक पर कम आवाजाही
रात के समय ट्रेनें इसलिए तेज चलाई जाती हैं क्योंकि इस समय ट्रैक पर आवाजाही काफी कम होती है (reduced traffic). दिन के मुकाबले रात में कम ट्रेनें चलती हैं. जिससे ट्रैक सुनसान और कम व्यस्त रहते हैं. इसके चलते ट्रेनों को बिना किसी रुकावट के अधिक गति से चलाया जा सकता है.
बेहतर सिग्नल दृश्यता
रात्रि के समय सिग्नल (signals) साफ दिखाई देते हैं. जिससे लोको पायलट (loco pilots) को दूर से ही सिग्नल का सही संकेत मिल जाता है. यह उन्हें समय रहते निर्णय लेने में मदद करता है. चाहे वह ट्रेन की गति को बढ़ाना हो या उसे धीमा करना.
रात्रि में मेंटेनेंस कार्यों की अनुपस्थिति
रात के समय ट्रैक पर मेंटेनेंस के कार्य (maintenance activities) नहीं होते हैं. इसके कारण ट्रेन संचालन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है और ट्रेनें निर्बाध गति से चल सकती हैं. यह ट्रेनों को तेजी से और सुरक्षित रूप से चलाने की अनुमति देता है.
यात्री सुरक्षा और समय की पाबंदी
इन सभी कारणों का संयोजन न केवल यात्री सुरक्षा (passenger safety) को सुनिश्चित करता है बल्कि ट्रेनों की समय पाबंदी (timeliness) को भी बढ़ावा देता है. रात्रि में ट्रेनों की हाई स्पीड यात्रा के समय को कम करने में मदद करती है, जिससे यात्री अपने गंतव्य पर समय से पहुंच सकते हैं.