Haryana News: भारतीय रेलवे ने दुर्गम क्षेत्रों में पटरियों का निर्माण करके नई उपलब्धियां हासिल की हैं. जिससे रेल नेटवर्क (rail network expansion) में काफी सुधार हुआ है. हाल ही में हरियाणा के रेवाड़ी में एक विशेष परियोजना के तहत डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के अंतर्गत एक नई टनल का निर्माण किया गया है.
एशिया की पहली विशेषताओं वाली टनल
यह नई टनल डबल स्टैक कंटेनर (double stack container capability) और डबल ट्रेन आवागमन की सुविधा के साथ बनाई गई है, जो इसे एशिया में अपनी तरह का पहला बनाती है. इस टनल का निर्माण लगभग 1 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. जिसमें हाई तकनीकी मानकों (high technical standards) का पालन किया गया है.
निर्माण में आई चुनौतियां
निर्माण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे कि आसपास की आबादी के कारण कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग (controlled blasting) का उपयोग करना पड़ा. इस टनल के निर्माण से न केवल स्थानीय यातायात में सुधार होगा. बल्कि यह रेवाड़ी क्षेत्र के विकास में भी योगदान देगा.
मालगाड़ियों के लिए डेडिकेटेड कॉरिडोर
इस डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य मालगाड़ियों (freight trains) को आसानी से आवागमन की सुविधा प्रदान करना है. इससे यात्री ट्रेनों के लिए रेलवे ट्रैक पर यातायात कम होगा और ट्रेनों की आवृत्ति में सुधार होगा जिससे यात्रियों का समय बचेगा.
प्रोजेक्ट की प्रगति और भविष्य
इस परियोजना का 96.4% काम पूरा हो चुका है और अगले वर्ष तक इसे पूरा कर लिया जाएगा. इस कॉरिडोर के पूरा होने पर मालगाड़ियों की संख्या में वृद्धि होगी. जिससे भारतीय रेलवे की क्षमता और भी बढ़ जाएगी.