Indian Railways: भारतीय रेलवे ने डबल डेकर ट्रेनों की नई श्रेणी की शुरुआत की है. जिसमें नीचे के हिस्से में माल ढुलाई (freight transport) और ऊपर के हिस्से में यात्री यात्रा कर सकेंगे. इस नवीन पहल के साथ रेलवे ने दोनों आवश्यकताओं को साथ जोड़ने का प्रयास किया है. जिससे एक ही सफर में दोहरी सुविधा प्रदान की जा सके.
डबल डेकर ट्रेनों की विशेषताएँ और निर्माण प्रक्रिया
नई डबल डेकर ट्रेनों का निर्माण इंडियन रेलवे की रेल कोच फैक्टरी (Rail Coach Factory) कपूरथला में किया जा रहा है. प्रत्येक कोच की लागत लगभग 3 करोड़ रुपये (cost effective) आंकी गई है, जो कि इसके द्वैध उपयोग के मद्देनजर आर्थिक रूप से व्यवहार्य है. इन ट्रेनों की डिजाइन को विशेष रूप से यात्री और माल दोनों की सुविधा के लिए अनुकूलित किया गया है.
ट्रेनों की परीक्षण प्रक्रिया और योजनाएँ
इन नई ट्रेनों के कोच का परीक्षण (testing phase) इसी महीने के अंत तक किया जाना है. ट्रेनों का उद्देश्य यह है कि वे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएं बल्कि माल ढुलाई के क्षेत्र में भी रेलवे की क्षमता को बढ़ावा दें. ऐसे में इन ट्रेनों को ‘टू इन वन ट्रेन’ (Two in One Train) के रूप में विकसित करना एक प्रगतिशील कदम है.
भविष्य की दिशा और उम्मीदें
इन डबल डेकर ट्रेनों के सफल परीक्षण और परिचालन से भारतीय रेलवे (Indian Railways) की दीर्घकालिक योजनाओं में महत्वपूर्ण प्रगति होगी. इससे न केवल यात्री सुविधाओं में सुधार होगा. बल्कि माल ढुलाई की प्रक्रिया में भी क्रांति आएगी. जिससे रेलवे की आर्थिक दक्षता में बढ़ोतरी होगी.