Sachkhand Express: सचखंड एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की एक अनूठी ट्रेन है जो यात्रियों को न केवल यात्रा सुविधा प्रदान करती है. बल्कि उन्हें फ्री खाना (free food) भी उपलब्ध कराती है. इस ट्रेन में विशेष रूप से लंगर की व्यवस्था की जाती है. जहां सभी यात्री अपने साथ बर्तन लाकर खाना ग्रहण करते हैं. यह ट्रेन 39 स्टेशनों पर रुकती है और इस दौरान 6 प्रमुख स्टेशनों पर लंगर (langar stops) की व्यवस्था होती है.
29 वर्षों से लगातार यात्रियों को भोजन देने का सिलसिला
अमृतसर से नांदेड़ के बीच चलने वाली सचखंड एक्सप्रेस पिछले 29 वर्षों से अपने यात्रियों को नि:शुल्क भोजन प्रदान कर रही है. इस दौरान यात्री बिना किसी चिंता के सफर करते हैं क्योंकि 2081 किलोमीटर की इस यात्रा में उन्हें विभिन्न स्थानों पर लंगर उपलब्ध होता है. इस ट्रेन में एक पैंट्री कार भी है. लेकिन उसमें खाना नहीं बनाया जाता है. क्योंकि यात्रियों को लंगर के रूप में भोजन मिलता है.
यात्री अपने बर्तन लेकर आते हैं
सचखंड एक्सप्रेस में यात्री चाहे वे जनरल क्लास में हों या एसी क्लास में सभी अपने बर्तन लेकर आते हैं ताकि वे लंगर (partake in langar) का आनंद ले सकें. यह ट्रेन दो महत्वपूर्ण गुरुद्वारों को जोड़ती है. जिससे इसका धार्मिक महत्व भी बढ़ जाता है.
OBHS staff is counselling the passengers about proper garbage disposal & their availability for cleaning on call during the journey in Train Number 12715 Hazur Sahib Nanded -Amritsar Sachkhand Express #SwachhataHiSeva2024@RailMinIndia @SCRailwayIndia pic.twitter.com/ujnnqrRfJ1
— DRM Nanded (@drmned) September 14, 2024
लंगर का बदलता मेनू और इसकी विशेषताएँ
लंगर में प्रतिदिन बदलता मेनू रहता है, जो गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से प्रायोजित होता है. इसमें कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी और विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ शामिल होती हैं, जो यात्रियों को निःशुल्क प्रदान की जाती हैं.
सचखंड एक्सप्रेस का ऐतिहासिक महत्व
1995 में शुरू की गई यह ट्रेन शुरू में साप्ताहिक थी और धीरे-धीरे इसकी आवृत्ति बढ़ती गई. 2007 में इसे दैनिक सेवा में बदल दिया गया. इस ट्रेन के माध्यम से लगातार लंगर सेवा की पेशकश की गई है, जो इसे सिर्फ एक ट्रेन से बढ़कर एक सामाजिक और धार्मिक प्रतीक बनाती है.