Longest Train Journey: सबसे लंबा रेल सफर जो मॉस्को से प्योंगयांग तक फैला है. ये रेल सफर न केवल अपनी लंबाई (length of the journey) के लिए जाना जाता है. बल्कि यह यात्रा 188 घंटे यानी 7 दिन 20 घंटे और 25 मिनट की अवधि को समेटे हुए है. यह यात्रा अपने आप में एक यादगार अनुभव होती है. जिसमें यात्री विभिन्न प्रकृति के दृश्यों को निहार सकते हैं और विशाल प्राकृतिक सुंदरता के साक्षी बन सकते हैं.
ट्रेन का मार्ग और विशेषताएं
यह अनोखा रेल सफर ट्रांस-साइबेरियन रेलवे (Trans-Siberian railway) के जरिए होता है, जो 142 रेलवे स्टेशनों और 87 शहरों को पार करती है. इस दौरान यह ट्रेन रूस के मॉस्को से शुरू होकर उत्तर कोरिया के प्योंगयांग तक जाती है और इस प्रक्रिया में यात्रियों को विविध सांस्कृतिक और भौगोलिक परिदृश्यों से गुजारती है.
यात्रा की लंबाई और तथ्य
यह ट्रेन लगभग 10,214 किलोमीटर की दूरी तय करती है, जो इसे दुनिया का सबसे लंबा रेल सफर बनाती है. इस रूट पर ट्रेन 16 नदियों (crossing 16 rivers) को पार करती है, जो इस यात्रा को और भी रोमांचकारी बनाता है.
ट्रेन का इतिहास और विकास
ट्रांस-साइबेरियन ट्रेन की शुरुआत 1916 में हुई थी. यह ट्रेन मूल रूप से मॉस्को से रूस के व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) तक यात्रा करती थी. हालांकि समय के साथ इसका मार्ग विस्तारित हुआ और यह उत्तर कोरिया के प्योंगयांग तक पहुंचने लगी.
यात्रा की विशेषताएं और सहूलियतें
व्लादिवोस्तोक से यात्री जब प्योंगयांग जाने के लिए निकलते हैं, तो उन्हें ट्रेन बदलने की जरूरत नहीं पड़ती. वे एक ही ट्रेन कार में व्लादिवोस्तोक से मॉस्को जाने वाली ट्रेन के पीछे जुड़ जाते हैं, जो यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाता है.