Haryana Roadways: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में आयोजित उच्चाधिकार प्राप्त खरीद समिति की बैठक ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों का गवाह बनी। इस बैठक में खरीफ 2024 से रबी 2025-26 की अवधि के लिए बीमा कंपनियों का चयन करने को मंजूरी दी गई।
जिसमें लगभग 1100 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान प्रीमियम के रूप में किया जाएगा। किसानों को इस योजना के लिए केवल 1 से 1.5 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा। जबकि शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार वहन करेंगे।
खरीद समिति की बैठक की महत्वपूर्ण घोषणाएँ
उच्चाधिकार प्राप्त खरीद समिति, विभागीय उच्चाधिकार प्राप्त खरीद समिति और उच्चाधिकार प्राप्त कार्य खरीद समिति की इस बैठक में 500 करोड़ रुपये से अधिक के ठेके दिए गए। बैठक के दौरान विभिन्न बोलीदाताओं के साथ संवाद और चर्चा के बाद दरें तय की गईं। जिससे 132 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई।
हरियाणा रोडवेज के लिए नई बसों की खरीद
बैठक में हरियाणा रोडवेज के बेड़े में नई बसों को शामिल करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा रखी गई 150 एसी बसों और 500 साधारण बसों की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इन बसों की खरीद पर लगभग 290 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। जिससे राज्य के परिवहन ढांचे को मजबूती मिलेगी।
खाद्य सुरक्षा और वर्षा संरक्षण के उपाय
बैठक में खाद्य आपूर्ति, हैफेड, हरियाणा राज्य भंडारण निगम जैसी खरीद एजेंसियों द्वारा खाद्यान्न की सुरक्षा और वर्षा संरक्षण के लिए बहुस्तरीय कवर और अन्य वस्तुओं की खरीद को भी मंजूरी दी गई। इस पर करीब 15 लाख रुपये खर्च होंगे। जिससे खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा और वर्षा के दौरान अनाज की गुणवत्ता बनी रहेगी।
पुलिस विभाग और अन्य संगठनों के लिए उपकरणों की खरीद
बैठक में पुलिस विभाग द्वारा 2000 महिला बॉडी प्रोटेक्टर, आरएफएसएल भोंडसी, सुनारिया और मधुबन के लिए विशेष उपकरण सहित अन्य वस्तुओं की खरीद को भी मंजूरी दी गई। इन उपकरणों की खरीद पर लगभग 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिससे सुरक्षा और कानून व्यवस्था में सुधार होगा।
गुरुग्राम के विकास के लिए नई परियोजनाएं
बैठक में गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा गुरुग्राम के सेक्टर 68-75 में आरसीसी बॉक्स टाइप मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन के निर्माण और सेक्टर 112-115 में आरसीसी बॉक्स टाइप मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन और पंपिंग स्टेशन के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 88 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जिससे शहरी विकास और प्रबंधन में वृद्धि होगी।