आंध्रप्रदेश के मछुआरों के जाल में फंसी 1500 किलो की व्हेल शार्क, उठाने के लिए मँगवानी पड़ी क्रेन

By Uggersain Sharma

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आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में स्थानीय मछुआरों के जाल में एक विशाल व्हेल शार्क फंस गई। जिसका वजन 1500 किलोग्राम बताया जा रहा है। इस विशाल मछली को क्रेन की मदद से गिलकलाडिंडी बंदरगाह पर लाया गया। जिसे चेन्नई के व्यापारियों ने तुरंत खरीद लिया। यह घटना मछलीपट्टनम के मछुआरों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इसने पूरे क्षेत्र का ध्यान आकर्षित किया है।

व्हेल शार्क दुनिया की सबसे बड़ी मछली

जानकारी के मुताबिक यह व्हेल शार्क (राइनकोडोन टाइपस) एक लुप्तप्राय प्रजाति है जो अपनी धीमी गति और बड़े आकार के लिए जानी जाती है। व्हेल शार्क महासागरों के खुले पानी में रहती हैं और यह मछली की सबसे बड़ी प्रजाति मानी जाती है। इस जलीय जीव का वजन 10 से 12 टन और लंबाई 40 से 50 फीट होती है।

व्हेल शार्क का संरक्षण और महत्व

हर साल 30 अगस्त को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस मनाया जाता है। व्हेल शार्क एक धीमी गति से चलने वाली फिल्टर-फीडिंग मछली की प्रजाति है। यह महासागरों के इकोसिस्टम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसका संरक्षण बेहद जरूरी है। वर्ष 2000 में और इससे पहले गुजरात राज्य के तट पर कई व्हेल शार्क का शिकार किया गया था, जिससे इनकी संख्या में भारी कमी आई थी।

गुजरात का व्हेल शार्क संरक्षण अभियान

2004 में प्रसिद्ध कथाकार मोरारी बापू ने इस अवैध शिकार को रोकने के लिए व्हेल संरक्षण का आह्वान किया था। उन्होंने गुजरात के समुद्री तटों पर व्हेल शार्क के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया। जिसे व्यापक समर्थन मिला। गुजरात का समुद्री तट व्हेल शार्क के लिए अनुकूल माना जाता है। इसलिए यह स्थान उनके अंडे देने के लिए आदर्श है। इस कारण व्हेल शार्क को गुजरात की बेटी भी कहा जाता है।

भारत सरकार की कानूनी सुरक्षा

11 जुलाई 2001 को भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने व्हेल शार्क को कानूनी सुरक्षा दी और इसके शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया। इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में शामिल किया गया। इसके तहत शिकारियों के लिए तीन से सात साल की सजा और 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

मछुआरों के लिए बड़ी सफलता

मछलीपट्टनम के मछुआरों के जाल में इस विशाल व्हेल शार्क का फंसना उनके लिए एक बड़ी सफलता है। इसे बंदरगाह पर लाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया गया और तुरंत ही चेन्नई के व्यापारियों ने इसे खरीद लिया। यह मछलीपट्टनम के मछुआरों के लिए आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी साबित हुई।

व्हेल शार्क का महत्व और संरक्षण

व्हेल शार्क का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह महासागरों के इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि इसका शिकार न किया जाए तो इसका जीवन 100 वर्ष तक हो सकता है। व्हेल शार्क महासागरों में प्लैंकटन और छोटे मछलियों को खाकर इकोसिस्टम को संतुलित रखती है।

अंतरराष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस

व्हेल शार्क के संरक्षण के महत्व को समझते हुए हर साल 30 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को व्हेल शार्क के संरक्षण और इसके महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। विभिन्न संस्थाएं और संगठन इस दिन को खास बनाने के लिए कई कार्यक्रम और अभियान चलाते हैं।

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.