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फर्स्ट एसी की टिकट बुक करते ही हाथोंहाथ क्यों नही मिलता सीट नम्बर, इसके पीछे का कारण है बेहद ख़ास

कोई व्यक्ति  फर्स्ट एसी का टिकट बुक करता है तो  उसका बात कुछ अलग ही होता है।अगर फर्स्ट एसी का टिकट बुक करते समय सीट उपलब्ध होता है तो उस समय सीट का आवंटन नहीं किया जाता है।इसके लिए चार्ट तैयार होने तक का इंतजार करना पड़ता है।जब चार्ट तैयार हो जाता है तो पता चलता है कि उसका कौन सा टिकट है।

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ticket reservation format work

जब भी कोई व्यक्ति ट्रेन से कहीं जाता है तो इसके लिए सबसे पहले  ट्रेन की टिकट बुक की जाती है ताकि उसे कहीं जाने के लिए सीट उपलब्ध होने पर सीट और कोच की जानकारी बुकिंग के समय ही मिल जाए। अगर बाद में सीट पक्की हो जाती है तो इसकी जानकारी चार्ट बनने के समय मिल जाती है।

चार्ट बनने के बाद मिलता है सीट नम्बर

लेकिन कोई व्यक्ति फर्स्ट एसी का टिकट बुक करता है तो  उसका बात कुछ अलग ही होता है। अगर फर्स्ट एसी का टिकट बुक करते समय सीट उपलब्ध होता है तो उस समय सीट का रिज़र्वेशन नहीं किया जाता है। इसके लिए चार्ट तैयार होने तक का इंतजार करना पड़ता है। जब चार्ट तैयार हो जाता है तो पता चलता है कि उसका कौन सा सीट है।

कैबिन सेक्शन आता है पसंद

फर्स्ट एसी कोच में सीट अलॉट कैसे होती है। दरअसल इस कोच में अलग-अलग केबिन होते हैं। कुछ केबिनों में चार सीटें होती हैं। जबकि कुछ केबिनों में केवल दो सीटें होती हैं। उदाहरण के लिए जिस केबिन में दो सीट होती है और उसमें दो लोग सफर कर सकते है और पूरे केबिन को कमरे की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे क्यूब भी कहा जाता है और कपल्स या एक साथ यात्रा करने वाले दो लोग इस प्रकार के क्यूब को पसंद करते हैं।

इस हिसाब से होता है सीट सलेक्शन

जानकारी के लिए आपको बता देगी फर्स्ट एसी में सीटों का रिज़र्वेशन टिकट बुकिंग के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए  यदि कोई कपल टिकट बुक करता है तो उन्हें एक कैबिन दिया जाता है और सीटों की संख्या के आधार पर सीटें रिज़र्व की जाती हैं। अगर कोई चार लोग एक साथ टिकट बुक कराते हैं तो उन्हें एक केबिन दिया जाता है। वहीं दो लोगों को एक क्यूब आवंटित किया जाता है। अगर कोई अकेले सफर कर रहा है तो उन्हें उनकी उपलब्धता के हिसाब से टिकट दिया जाता है।

लोगों के हिसाब से दिया जाता है सीट

जिस हिसाब से टिकट बुक होता है। उसी हिसाब से किसी भी व्यक्ति को सीट दिया जाता है। इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि अलग-अलग पसंद के हिसाब से टिकट दिए जाएं ताकि किसी भी व्यक्ति को सीट मिलने के बाद किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े।