home page

तवे की बजाय गैस पर रोटी सेंकने की आदत आपको पहुँचा सकती है हॉस्पिटल, साँस लेने में दिक़्क़त से लेकर हो सकता है कैंसर

चपाती बनाने के तरीके पर सिर्फ शोध किया गया इसमें से कुछ चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। इस शोध से पता चला है कि अगर चपाती को गलत तरीके से बनाया जाए तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
 | 
gais par roti saikne ki gandi aadat

आजकल हर कोई चाहता है कि उसका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक रहे। इसके लिए वह अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं। बहुत से लोगों की आदत होती है कि  सुबह की शुरुआत नाश्ते में चाय और चपाती से होती है। दोपहर के भोजन में चपाती-सब्जी भी होती है।

लेकिन चपाती बनाने का तरीका सभी घरों में थोड़ा अलग होता है। कई लोग चपातियों को पकाने के बाद सीधे चिमटे से गैस पर सेक लेते हैं।बहुत से लोग चपातियों को तवे पर दोनों तरफ से सेंक कर पकाते हैं। ज्यादातर लोगों की राय है कि इन दोनों तरीकों से चपाती बनाने से चपाती का स्वाद बदल जाता है।लेकिन हाल ही में चपाती बनाने को लेकर एक रिसर्च सामने आई है। जिसे पढ़ने के बाद आप भी दंग रह जाएंगे।

चपाती बनाने के तरीकों पर किया गया शोध

चपाती बनाने के तरीके पर सिर्फ शोध किया गया इसमें से कुछ चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। इस शोध से पता चला है कि अगर चपाती को गलत तरीके से बनाया जाए तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। आइए जानें कि वास्तव में यह शोध क्या कहता है-

  • घर पर अगर आप भी इस तरीके से बनाते है रोटी तो हो सकती है कैंसर जैसी बीमारियां सामने आई नई रिसर्च ने सबको हिलाकर रख दिया

  • चपाती को ज्यादा तापमान पर पकाने से कई तरह की हो सकती हैं बीमारियां

ये भी पढे: ख़रबूज़े से बीज निकालना आपको भी लगता है सबसे मुश्किल काम, ये तरीक़ा आज़मा लो चुटकियों में निकल जाएँगे बीज

सभी के घरों में रोटी बनाने के होते हैं अलग नियम

उत्तर भारत में चपाती बनाने के लिए एक सामान्य विधि का पालन किया जाता है। हालांकि हर घर में चपाती बनाने की विधि में थोड़ा बहुत अंतर होता है। कुछ लोग कुछ चपातियों को तवे पर तलते हैं और फिर चिमटे की सहायता से बची हुई चपातियों को गैस पर तलते हैं।

लेकिन कुछ लोग चपाती को तवे पर ही पूरी तरह से सेंक लेते हैं। ज्यादातर लोगों का कहना है कि अगर चपाती को इन दोनों तरह से भून लिया जाए तो इसके स्वाद में फर्क आ जाता है।

नहीं बनाना चाहिए उच्च तापमान पर चपातिया

न्यूट्रिशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित एक अन्य शोध के अनुसार यदि आप चपातियों को उच्च तापमान पर पकाते हैं तो वे कार्सिनोजेनिक यौगिकों का उत्पादन करती हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है। इससे अस्थमा के रोगी अधिक पीड़ित हो सकते हैं।जबकि सामान्य आबादी को श्वसन संबंधी विकारों का खतरा बढ़ जाता है।