home page

जाने कैसे ट्रेन चलाने वाला लोकोपायलट चलती ट्रेन में ही आसानी से पटरी बदल लेता है, इसके पीछे काम करती है ये ख़ास तकनीक

आपने अक्सर ट्रेन में सफर करते वक्त ये देख होगा कि कोई भी ट्रेन कितनी आसानी से अपनी पटरी को छोड़ दूसरी पटरी पर इतनी आसानी से शिफ्ट हो जाती है और ट्रेन में बैठे हुए आपको ये पता भी नही चलता।
 | 
chalti train me kaise change hoti hai patriyan

आपने अक्सर ट्रेन में सफर करते वक्त ये देख होगा कि कोई भी ट्रेन कितनी आसानी से अपनी पटरी को छोड़ दूसरी पटरी पर इतनी आसानी से शिफ्ट हो जाती है और ट्रेन में बैठे हुए आपको ये पता भी नही चलता। आपमें से बहुत सारे लोग ये जानते भी होंगे पर अगर आप नही जानते तो  तो आज आप जान जायेंगे इस तकनीक के बारे में। आज हम आपको बताते हुए कि ऐसा कैसे होता है आखिर क्यों इसमें कोई दुर्घटना नही होती कोई परेशानी नही होती

लोको पायलट आसानी से बदल लेते हैं पटरी, लगे होते है दो स्विच 

रेलवे अधिकारी बताते है कि ट्रेन जहां पर पटरी से शिफ्ट होती है, वहां पर दोनों तरफ टेक्नीकल स्विच होते हैं। उनमें से एक लेफ्ट स्विच और दूसरा राइट स्विच होता हैं।  ट्रेन पटरी पर इन्ही दोनों स्विच की वजह से ही आसानी से अपनी पटरी बदल लेती हैं। और आश्चर्य की बात तो ये है कि दिन हो रात ऐसे में कोई दिक्कत नही होती। 

ट्रेन छूटने पर स्टेशन मास्टर को मिल जाती है सूचना 

अगर हम इसे और अच्छे से समझना चाहे तो जब ट्रेन एक स्टेशन से छूटती है तो उस स्टेशन का स्टेशन मास्टर आने वाले स्टेशन मास्टर को ट्रेन की सूचना दे देता है। फिर उसके अगले स्टेशन का स्टेशन मास्टर अपने प्लेटफॉर्म और लाइन क्लियर है कि नही ये चेक करता है और लाइन क्लियर होने जा का संदेश भेज देता है। इसका संदेश 180 मीटर दूर लगे एक होम सिगनल के जरिए भेज जाता है। जब तक ट्रेन ड्राइवर यानी लोको पायलट को ये संदेश संदेश नहीं मिल जाता तब वो ट्रेन को सिग्नल के पास ही रोक रखता है। 

जब सांधा सेट हो जाता है तब गुजर पाती है ट्रेन

अगले आने वाले स्टेशन पर जब लाइन क्लियर मिलती है तभी स्टेशन मास्टर ऑटोमेटिक मेथड के जरिए सांधे को उस लाइन से सेट कर देता है जिस पर से उस ट्रेन को गुजरना होता ह। सांधा सेट करने के बाद ही  ट्रेन को ग्रीन सिग्नल भेजा जाता है| इसके बाद वह ट्रेन धड़धड़ा कर पटरी चेंज कर अपनी मंजिल के लिए निकाल जाती है। 

सांधा  क्या होता है 

जहां से ट्रेन दूसरी पटरी पर शिफ्ट होती है, उसे सांधा भी कहा जाता है. वहां दो स्विच होते है जिसमे से एक स्विच पटरी से चिपका है,और  दूसरा स्विच खुला होता है|  दूसरे खुले स्विच के जरिए ही ट्रेन एक पटरी से  दूसरी पटरी पर शिफ्ट  होती है|