भंडारे में इन लोगों को भूलकर भी नही खाना चाहिए खाना, वरना बन सकते है पाप के भागीदार
ऐसा माना जाता है कि ऐसे भंडारे में निर्धनों की सहायता हो जाती है।जो बिल्कुल ही गरीब व्यक्ति होते हैं जो खाना खरीद कर नहीं खा सकते।वे भंडारा खाकर अपना पेट भर लेते हैं।अगर हम जैसे सक्षम लोग भी भंडारे में जाकर लंगर छीकेंगे तो कोई गरीब भूखा रह सकता है।
गुरुद्वारे या किसी मंदिर में जब भव्य पूजा किया जाता है तो वहां पर लंगर या भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें कुछ लोगों का कहना होता है कि लंगर या भंडारे का खाना नहीं लेना चाहिए लेकिन कुछ लोगों का कहना होता है कि लंगर या भंडारे का खाना खा लेना चाहिए।
भंडारा क्यों लगाया जाता है
कुछ विद्वानों का मानना है कि अमीर लोग धार्मिक स्थलों पर भंडारा लगाते है।जिससे गरीब बच्चों और गरीब व्यक्तियों को भोजन मिल सके। भंडारा लगाकर अमीर व्यक्ति पुण्य कमाना चाहते हैं
भंडारे में किया जाता है निर्धनों की सहायता
ऐसा माना जाता है कि ऐसे भंडारे में निर्धनों की सहायता हो जाती है।जो बिल्कुल ही गरीब व्यक्ति होते हैं जो खाना खरीद कर नहीं खा सकते।वे भंडारा खाकर अपना पेट भर लेते हैं।अगर हम जैसे सक्षम लोग भी भंडारे में जाकर लंगर छीकेंगे तो कोई गरीब भूखा रह सकता है।
भंडारे मे करना चाहिए सहयोग
इस कारण भंडारे में लंगर नहीं छिकना चाहिए।आमतौर पर जब आप ठीक घऱ से है।तो आपको भंडारे में अपनी सर्द्धा से सहयोग करना चाहिए।ताकि किसी दूसरे गरीब व्यक्ति की मदद हो सके।आपके पास दान देने के लिए पैसे नहीं हैं तो आप भंडारे में सेवा दे सकते हैं। दान सेवा करने के बाद आप वहां का प्रसाद ग्रहण करते हैं तो कोई पाप नहीं लगता है और ऐसे में आप पुण्य के भागीदार भी बन जाते हैं।