वर्तमान समय में, जहाँ पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं उपभोक्ताओं का रुख इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर मुड़ गया है। इस परिवर्तन के साथ ही अब नयी तकनीकी ने अपना कदम रखा है जो है—पानी से चलने वाले वाहन। भारतीय कंपनी Joy e-bike ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।
जॉय ई-बाइक की नई तकनीक
जॉय ई-बाइक और उसकी पैरेंट कंपनी वार्डविजार्ड ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल और इलेक्ट्रोलाइजर टेक्नोलॉजी पर काम करके एक ऐसा स्कूटर विकसित किया है, जो पानी से चलता है। यह प्रौद्योगिकी न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि यह ऊर्जा की स्थायित्वता में भी योगदान देती है।
स्कूटर का कामकाजी सिद्धांत
इस स्कूटर की असाधारण तकनीक पानी के मॉलिक्यूल्स को तोड़कर हाइड्रोजन गैस को अलग करती है। जिसे आगे चलकर फ्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में कोई भी हानिकारक प्रदूषण नहीं होता है। जिससे यह न केवल स्वच्छ है बल्कि टिकाऊ भी है।
लाइसेंस की आवश्यकता नहीं
चूंकि यह स्कूटर अपनी टॉप स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा पर सीमित है। इसलिए इसे चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती। यह विशेषता इसे शहरी क्षेत्रों में छोटी दूरी के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती है।
जबरदस्त माइलेज
यह स्कूटर एक लीटर पानी से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इस तरह का माइलेज न केवल लागत कुशल है बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी हितकारी है। फिलहाल यह स्कूटर एक प्रोटोटाइप के रूप में मौजूद है और इसके व्यावसायिक उत्पादन की प्रक्रिया जारी है।
प्रौद्योगिकी के प्रभाव और भविष्य
जॉय ई-बाइक का यह नई तकनीक न केवल ईंधन के विकल्प के रूप में महत्वपूर्ण है। बल्कि यह उन उपभोक्ताओं के लिए भी उम्मीद की किरण है जो ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। यह तकनीक भविष्य में और भी विस्तार पा सकती है। जिससे और अधिक उन्नत और टिकाऊ मोबिलिटी समाधान संभव हो सकेंगे।