सागर के निवासियों के लिए मानसून का मौसम कुछ खास अहमियत रखता है। यह समय उन्हें राजघाट बांध के जलप्रपात के मनोरम दृश्य का साक्षी बनने का मौका देता है। जैसे ही बांध ओवरफ्लो होता है। सैकड़ों लोग यहाँ प्रकृति की गोद में समय बिताने के लिए उमड़ पड़ते हैं।
बांध का अद्भुत नजारा
राजघाट बांध से निकलता हुआ पानी, काले पत्थरों को चीरते हुए। जैसे बरसों की प्यासी धरती को तृप्त करने के लिए बेचैन होता है। यह दृश्य देखते ही बनता है, जब पानी छोटे-छोटे कुंडों में समाते हुए समुद्र जैसे अनंत दृश्य प्रस्तुत करता है। नदी के दोनों किनारों पर फैली हरियाली और पेड़, विजिटर्स का स्वागत करते प्रतीत होते हैं।
राजघाट बांध का महत्व
राजघाट बांध न केवल पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि यह सागर शहर के लिए जीवनदायिनी भी है। इस बांध से निकलने वाली नदी करीब 20 फीट नीचे जाकर गिरती है। जिससे एक अद्भुत वाटरफॉल का निर्माण होता है, जो दूधिया धुंध बनाता है। इसके चलते यह स्थान सेल्फी लेने और वीडियो बनाने के लिए खासा प्रसिद्ध है।
मानसून की प्रतीक्षा में बांध की तैयारी
हर वर्ष जून महीने में बांध ओवरफ्लो होता है और इस वर्ष भी बांध में पानी की अधिकता ने इसे लबालब भर दिया है। ऊपरी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण बांध के कैचमेंट क्षेत्र में जमा पानी बांध के गेट को छूते हुए बाहर निकलने लगा है।
पर्यटन विकास और भविष्य की योजनाएं
बांध क्षेत्र को एक व्यापक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 5 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई है। यहाँ रिजॉर्ट, वाटर स्पोर्ट एक्टिविटीज और अन्य पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगी।