केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में आगरा-ग्वालियर के बीच बनने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी है। इस नवनिर्मित एक्सप्रेस-वे की लागत 4263 करोड़ रुपये आंकी गई है और इसका निर्माण 88 किलोमीटर लंबे पथ पर होगा। यह विकास परियोजना आगरा और ग्वालियर के बीच की यात्रा को न केवल सुगम बनाएगी बल्कि यात्रा के समय को भी कम करेगी। जिससे दोनों शहरों के बीच आवागमन में लगने वाला समय डेढ़ घंटे तक सीमित हो जाएगा।
वर्तमान और प्रस्तावित स्थिति का विवरण
आज आगरा से ग्वालियर के बीच मौजूद राष्ट्रीय राजमार्ग 121 किलोमीटर लंबा है और इसके आवागमन में ढाई से तीन घंटे का समय लगता है। नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण रोहता के इनर रिंग रोड से शुरू होकर आगरा, धौलपुर (राजस्थान), मुरैना (मध्य प्रदेश) होते हुए ग्वालियर के सुसेरा गांव में समाप्त होगा। इस एक्सप्रेस-वे का उद्देश्य न केवल यात्रा के समय को कम करना है। बल्कि यातायात को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाना है।
एक्सप्रेस-वे की विशेषताएं और इसके फायदे
नए एक्सप्रेस-वे में 47 पुलिया, चार छोटे और पांच बड़े पुल होंगे। सबसे महत्वपूर्ण पुल चंबल नदी पर बनाया जाएगा। जिससे इस क्षेत्र में आवागमन और भी आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय निवासियों के लिए नई आर्थिक संभावनाएं खुलेंगी।
निर्माण प्रक्रिया और भविष्य की योजनाएं
एनएचएआई ने 12 अगस्त को नई दिल्ली में टेंडर जारी करने की योजना बनाई है। जिसके बाद इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण का काम तीव्र गति से शुरू हो जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा और इसकी समाप्ति के साथ ही यह क्षेत्र में परिवहन क्रांति का नया अध्याय लिखेगा।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से न केवल यात्रा के समय में कमी आएगी बल्कि स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे। यह परियोजना स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इस प्रकार आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे न केवल परिवहन के नए विकल्प प्रदान करेगा। बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। जिससे सभी स्थानीय निवासियों को लाभ होगा।